विराट कोहली के व्यक्तित्व की झलक यह साबित करती है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तनावपूर्ण माहौल के बीच भी हास्य के लिए जगह है। जब कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला के लिए अपनी यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रहे थे, तो एक फोटोग्राफर के साथ उनका चंचल आदान-प्रदान कई लोगों को पसंद आया इसमें दिखाया गया कि कैसे खेल हस्तियां अपने पेशे के दबाव के बावजूद हल्के-फुल्के पलों का आनंद ले सकती हैं।
पापराज़ी का वाक्यांश, “बीजीटी में आग लगानी है,” जिसका अनुवाद है “आपको बीजीटी में आग लगाने की ज़रूरत है,” ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला के आसपास उच्च उम्मीदों और उत्साह को इंगित करता है। कोहली का हाजिरजवाब जवाब “किसमें?” उन्होंने न केवल अपने हास्य पक्ष को उजागर किया बल्कि एथलीटों और मीडिया के बीच मौजूद सौहार्द को भी दर्शाया।
कोहली जैसे एथलीट अभी भी भरोसेमंद व्यक्ति हैं जो हंसी साझा कर सकते हैं। यह उदाहरण न केवल प्रशंसकों को उत्साहित करता है बल्कि आगे होने वाले रोमांचक क्रिकेट एक्शन के लिए प्रत्याशा भी पैदा करता है।