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मेक इन इंडिया का जलवा, आईफोन के निर्यात में भारत सबसे आगे, एपल फोन की बिक्री में आया 177 प्रतिशत का उछाल

भारत के लिए मोबाइल निर्यात को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। स्मार्ट फोन के मामले में भारत अब आत्मनिर्भर हो गया है। चालू वित्त वर्ष के पहले 7 महीने में 8 अरब डॉलर का मोबाइल-स्मार्टफोन निर्यात हुआ है। इसमें ज्यादातर हिस्सा आईफोन का है। अप्रैल से अक्टूबर महीने के बीच एपल ने भारत से 5 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत के आईफोन का निर्यात किया है।
मेक इन इंडिया का बजा डंका
इसका मतलब है कि भारत में बने आईफोन जो निर्यात हुए, उनकी कीमत 5 अरब डॉलर थी। देश में बने आईफोन का निर्यात पिछले साल की इसी 7 महीने में की तुलना में 177 फीसदी बढ़ गया है। केंद्रीय और रेल मंत्री अश्विनी वैष्ण ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस क्षेत्र में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

स्मार्ट फोन के निर्यात में हुई बढ़ोतरी
उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में इसी अवधि में कुल मिलाकर 4.97 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था, अभी के आंकड़ों के अनुसार इसी सात महीनों ने 8 बिलियन डॉलर के मोबाइल का निर्यात किया गया है। सालाना आधार पर 60 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है। जब से भारत सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इनिशिएटिव योजना का शुभारंभ किया है, तब से ही मोबाइल के निर्यात में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
स्मार्ट फोन के निर्यात में एपल की बढ़ी हिस्सेदारी
बता दें कि एपल ने इस योजना के तीसरे साल में भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई है। इसके बाद देश से निर्यात होने वाले स्मार्टफोन में आईफोन की हिस्सेदारी काफी बढ़ी हुई दिख रही है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों में ही आइफोन की हिस्सेदारी कुल स्मार्टफोन में 62 प्रतिशत की रही है। पिछले वित्त वर्ष में ये हिस्सेदारी 45 फीसदी की थी। कुल 11 अरब डॉलर के स्मार्टफोन भारत ने पिछले साल निर्यात किए थे।
ये तीन कंपनियां भारत में बनाती है आईफोन
जब मोदी सरकार ने जब 38,645 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना की घोषणा की, तो एपल ने भारत में ही स्मार्टफोन बनाने पर काम शुरू कर दिया था। इसके बाद उसने देश से बड़े पैमाने पर आईफोन का निर्यात भी शुरू किया। भारत में ठेके पर 3 कंपनियां आईफोन बनाती हैं, तीनों ही ताइवान की हैं। इन कंपनियों के नाम फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन हैं। फॉक्सकॉन ने हाल ही में गुजरात में काफी निवेश किया है, जबकि विस्ट्रॉन को टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने खरीद लिया है।

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