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ChatGPT: कॉपीराइट मामलों में AI अभी कम मददगार, साइबर सेक्योरिटी बढ़ाने की जरूरत

ChatGPT

ChatGPT: जनरेटिव AI जैसे ChatGPT ने बहुत बड़ा परिवर्तन किया है। लेखन, कोडिंग और नौकरी जैसे कार्य अब सभी के लिए आसान और काफी तेज हो गए हैं। लेकिन इसके बाद भी, AI से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
विश्वसनीयता और सुरक्षा AI के साथ सबसे बड़ी चिंता है। जनरेटिव AI के कुछ सबसे बड़े जोखिमों में भ्रामक कंटेंट, डीपफेक, सीक्रेट डेटा, कॉपीराइट से जुडी और साइबर सुरक्षा समस्याएं शामिल हैं।

गलत जवाब

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AI कई बार हमें गलत सूचनाएं देता है। वास्तव में AI बहुत तेज हो सकता है, लेकिन वो इंसान नहीं हो सकता। जनरेटिव AI जब जवाब देता है तो डेटा और नियामकों पर भरोसा करता है ।

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डीपफेक

वीडियो, फोटो और वॉयस रिकॉर्डिंग की मदद से कोई भी फेक वीडियो बनाया जा सकता है। लेकिन ये सच नहीं है क्योंकि AI की पकड़ से फिलहाल बाहर है। जैसे फ्रांस के पोप की वायरल फोटो, जिसमें वो पारंपरिक परिधान की बजाय फैंसी जैकेट पहने नजर आ रहे हैं। AI से पहले भी डीपफेक नकली कंटेंट में इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब ये और भी आसान हो सकता है।

डेटा प्राइवेसी

AI से जुड़ी सबसे बड़ी चिंता डेटा की गोपनीयता है। इसलिए कि AI सभी डेटा को स्टोर करता है। आप जो भी लिखते या बोलते हैं तो ये सारा डेटा AI द्वारा रिकॉर्ड किया जा सकता है।

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क्या है चैटबॉट ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चैटबॉट एक तरह से मशीन के साथ चैट करना है। इसका मतलब साफ है कि आपको इंसान से बात करने जैसी भावना होगी। ये एक कन्वर्सेशनल AI है साथ ही ये एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जिसके साथ आप इंसानों की तरह बातचीत कर सकते हैं। आप उससे कुछ भी प्रश्न पूछ सकते हैं और उसका जवाब डिटेल में लिखकर क्रिस्प तरीके से आपके सामने आ जाएगा और ये पूरी तरह से एक्यूरेट भी होगा।

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