आज भारतीय नौसेना में आईएनएस इंफान शामिल हो गया। इससे हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस इंफाल की कमीशनिंग मुंबई डॉकयार्ड में की है। अब इस वॉरशिप को पश्चिमी नौसेना कमान में शामिल कर लिया गया है।
ये होगी आईएनएस इंफाल की खासियत
इस वॉरशिफ की खासियत ये होगी कि इसमें डिस्ट्रॉयर सतह से सतह पर मार करने वाली 8 बराक और 16 ब्रह्मोस एंटीशिप मिसाइल, सर्विलांस रडार, 76 MM रैपिड माउंट गन, एंटी सबमरीन टॉरपीडो से लैस है। रक्षा मंत्रालय के मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड ने इस वॉरशिप इंफाल को बनाया है।
इस वजह से पड़ा इंफाल नाम
बता दें कि इस वॉरशिप को बंदरगाह और समुद्र में टेस्टिंग के बाद इसी साल 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। इंफाल पहला वॉरशिप है जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के एक शहर पर रखा गया है। राष्ट्रपति ने इसके लिए 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी थी। इसके निर्माण में स्वदेशी स्टील DMR 249A का प्रयोग किया गया है, मतलब कि इसका 75 फिसदी हिस्सा पूरी तरह स्वदेशी है।
बनने में लगा है सबसे कम समय
आईएनएस इंफाल को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर के बलिदान और योगदान के लिए श्रद्धांजलि कहा गया है। चाहे वह 1891 का एंग्लो-मणिपुर युद्ध हो या फिर 14 अप्रैल 1944 को मोइरांग वॉर, जिसमें पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने INA का झंडा फहराया था। इसे बनने में काफी कम समय लगा है। अभी भारतीय नौसेना के पास 132 जंगी जहाज है, जिसमें 67 पूरी तरह तैयार नहीं है।
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