Delhi Pollution: दिल्ली में अब सांस लेना भी दूभर हो गया है। प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। पहले लोग अपना स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए मॉर्निंग वॉक और पार्कों में जाते थे लेकिन अब लोग घर बाहर निकलने से पहले कई बार सोचते हैं। बच्चे और बुजुर्ग तो घर में कैद होकर रह गए हैं। अगर थोड़ी देर भी आप घर का दरवाजा या खिड़की खुला रखते हैं तो कमरों में धुआं और दम घुटने जैसा महसूस होने लगता है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Vinai Kumar Saxena, Lieutenant Governor of Delhi) ने शुक्रवार शाम एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। वहीं दिल्ली से बाहर होने की वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इस बैठक में शामिल नहीं हो सके। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।
उपराज्यपाल ने दिल्ली में प्रदूषण (delhi pollution) के हालातों को काफी चिंताजनक बताया। उन्होंने लगातार बढ़ते AQI लेवल पर भी गंभीर चिंता जताई। बैठक के दौरान पराली जलाए जाने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार पड़ोसी राज्यों विशेषकर पंजाब (Punjab) पर चर्चा हुई।
राजधानी में हेल्थ एमरजेंसी जैसी स्थिति (Delhi Pollution)
वहीं AIIMS के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति को बेहद घातक कहा है और हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति बन गई है। उन्होंने कहा कि लगातार दो दिन से दिल्ली धुएं और धूल की चादर में लिपटी हुई है, अगर ज्यादा दिनों तक ऐसी ही स्थिति रही तो स्वास्थ्य (Health Issues) को भी उतना अधिक नुकसान होगा। इसलिए हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर वायु प्रदूषण कम करने के लिए तुरंत सख्त तात्कालिक कदम उठाए जाने की जरूरत है।
बता दें कि इस समय प्रदूषण से हर उम्र का व्यक्ति प्रभावित है। बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाएं भी इससे अछूते नहीं हैं। प्रदूषण की वजह से बच्चों के फेफड़े का शारीरिक विकास रुक जाता है। लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ साथ आंखों में जलन भी महसूस हो रही है।
बैठक में बुनियादी जरूरत और एमरजेंसी सेवाओं से जुड़े वाहनों के अलावा सभी वाहनों का परिचालन रोकने के लिए कहा गया। वहीं कुछ दिनों के लिए सरकारी व निजी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम भी घोषित करने का सुझाव दिया गया। इससे सड़कों पर वाहनों की संख्या भी कम हो जाएगी। वहीं आवागमन के लिए बसों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया गया।
इन कार्यों पर लगी रोक
बैठक में प्रदूषण कम करने के संबंध में कई कामों पर रोक लगा दी गई। सरकार ने दिल्ली में हो रहे सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। बोरिंग, ड्रिलिंग, खुदाई पर भी रोक है। वही राजधानी में अब से BS3, BS4 और डीजल के वाहन भी नहीं चल सकेंगे। इसके साथ ही कच्चे माल की आवाजाही, बिल्डिंग की तोड़फोड़, सड़क बनाने के काम पर रोक है। इसके अलावा निर्माण संबंधी सामान की लोडिंग अनलोडिंग पर भी रोक है।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण अब घरों को पेंट भी नही कर सकेंगे। पत्थरों और टाइल्स काटने पर भी रोक, सीवर लाइन और ड्रेनेज के कामों पर रोक, वाटर प्रूफिंग के काम, पाइलिंग के काम और कंक्रीट के प्लांट्स पर भी प्रतिबंध लगा है।