मध्य प्रदेश में गरबा पर क्यों मच गया हंगामा: धार्मिक, सांप्रदायिक और सियासी विवादों के पीछे की कहानी
मध्य प्रदेश: शारदीय नवरात्र के मौके पर जहां पूरे देश में गरबा और डांडिया की धूम मची हुई है, वहीं मध्य प्रदेश इस बार गरबा उत्सव की पारंपरिक उमंग के बजाय सियासी बयानबाजी और धार्मिक विवादों की चपेट में आ गया है। इंदौर, भोपाल और रतलाम जैसे प्रमुख शहरों में गरबा आयोजनों पर रोक और पाबंदियों ने इस सांस्कृतिक उत्सव को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है।
गरबा पर सियासी और सांप्रदायिक विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
मध्य प्रदेश में गरबा का आयोजन हर साल की तरह बड़े पैमाने पर किया जा रहा था, लेकिन इस बार शिखर गरबा समिति के आयोजन ने विवाद को जन्म दिया। यह आयोजन पिछले 35 वर्षों से हो रहा है, लेकिन आयोजक फिरोज खान के मुस्लिम होने की वजह से इस बार विवाद खड़ा हुआ। हिंदू संगठनों ने सवाल उठाया कि एक मुस्लिम व्यक्ति, जो मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखता, वह कैसे मां दुर्गा की पूजा अर्चना का आयोजन कर सकता है।
इस धार्मिक विवाद ने तूल पकड़ लिया और पुलिस तक मामला पहुंचा। नतीजतन, शिखर गरबा समिति के आयोजन पर रोक लगा दी गई और आयोजन स्थल से टेंट और पोस्टर हटा दिए गए।
गोमूत्र, तिलक और बुर्के के मुद्दे ने गरबा को और विवादित बनाया
विवाद यहीं नहीं थमा। कुछ हिंदू संगठनों ने गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए नई शर्तें रखीं, जिनमें गोमूत्र का सेवन और तिलक लगाने की अनिवार्यता शामिल थी। तर्क दिया गया कि कोई गैर-हिंदू व्यक्ति इन शर्तों को नहीं मानेगा और इससे उनकी पहचान उजागर हो जाएगी। इसके अलावा, एक घटना में एक बंगाली कारीगर द्वारा मां दुर्गा की मूर्ति को बुर्के में दिखाने पर भी विवाद खड़ा हो गया, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और स्थिति और बिगड़ गई।
लव जिहाद का मुद्दा और त्योहारों पर पड़ता असर
यह पूरा विवाद लव जिहाद के मुद्दे के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में धार्मिक संगठनों और समाज के बीच व्यापक बहस छेड़ दी है। लव जिहाद के बढ़ते प्रभाव ने त्योहारों पर भी अपना असर डाला है, और गरबा जैसे सांस्कृतिक आयोजनों को भी सांप्रदायिक विवादों में घसीटा जा रहा है।
क्या इस बार मध्य प्रदेश में नहीं होगा गरबा?
इस विवाद और धार्मिक टकराव की वजह से मध्य प्रदेश के कई शहरों में गरबा की चमक फीकी पड़ गई है। इंदौर, भोपाल और रतलाम जैसे शहरों में परंपरागत गरबा उत्सव पर पाबंदियां लग गई हैं और सुरक्षा कारणों से कई आयोजनों को रद्द कर दिया गया है।
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स्थाई समाधान की जरूरत
मध्य प्रदेश में गरबा आयोजन को लेकर उपजे इस सांप्रदायिक और सियासी विवाद ने त्योहार की खुशी को हाशिए पर ला दिया है। स्थायी समाधान की कवायद जारी है, ताकि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को सियासी और सांप्रदायिक मुद्दों से दूर रखा जा सके।