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Mughal History: क्रूर शासक औरंगजेब को देना पड़ा था हीराबाई का इम्तिहान, पूरी सल्तनत में थे जिसके चर्चे

Mughal History: औरंगजेब की गिनती मुगल वंश के सबसे उन क्रूर शासकों में की जाती है, जो अपनी बात के आगे किसी का भी सिर कलम करने की हिम्मत रखता हो। इसके साथ ही वह कट्टर मुसलमानों और खुद को अल्लाह का सबसे बड़ा उपासक मानता था। औरंगजेब मुगल शासक होने के बावजूद एक लुटेरा भी था। आज हम आपको औरंगजेब के ऐसी ही एक घटना के बारे में बता रहे हैं, जब वह हीराबाई की सलाह पर शराब पीने ही वाला था कि आखिरी समय में खुद हीराबाई ने उसे इस पाप से बचा लिया।

औरंगजेब की ले रही थी परीक्षा

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दरअसल वह औरंगजेब की परीक्षा ले रही थी। शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने जब पहली बार हीराबाई को देखा था तो वह उनका दीवाना हो गया था। वह अक्सर राजकाज का काम छोड़कर उनके पास पहुंच जाता था।

हीराबाई पर लट्टू था औरंगजेब

औरंगजेब हीराबाई के प्यार में इतना पागल हो गया था कि वह अक्सर राजकाज का काम छोड़कर उसके पास जाया करता था। इस वजह से सरकार का काम भी प्रभावित हो रहा था।

कैसे खुला औरंगजेब का राज?

जब औरंगजेब मुल्तान में था, शेख अबू उससे मिला। उसकी योग्यता से प्रसन्न होकर औरंगजेब ने उसे अपना सचिव बना लिया था। अप्रैल के महीने में एक मीटिंग चल रही थी। अचानक औरंगजेब सभा छोड़कर हीराबाई के कमरे की ओर जाने लगा। मीर खलील बुरहानपुर का सूबेदार था, वह शुरू से ही इस मामले का शासक था। लेकिन सल्तनत की बुरी हालत देखकर उस दिन औरंगजेब की हरकत पर उसे गुस्सा आ गया। इसके बाद आदत के मुताबिक वह जोर-जोर से गुर्राने लगा। जो रहस्य अब तक विशिष्ट लोगों के बीच था, वह अब अनेक जागीरदारों और राजकुमारों के कानों तक पहुंच गया है।

हीराबाई ने परीक्षा दी

हीराबाई को यह सूचना पहले ही मिल चुकी थी कि अधिवेशन से औरंगजेब अपने स्थान के लिए निकल चुका है। उन्होंने उरद बैंगन को खाने-पीने की तत्काल व्यवस्था करने को कहा और नौकरानियों को बुलाकर कमरा ठीक करवा दिया। जब औरंगजेब कमरे में आया तो वह परेशान था। हीराबाई को यह पता चल गया था। उसने तुरंत शराब का गिलास तैयार किया और औरंगजेब के सामने पेश किया।

इतिहास में इस घटना के बारे में दो अलग-अलग कहानियां हैं। पहली कहानी कहती है कि औरंगजेब ने जैनाबादी से शराब पीना सीखा था और वह अक्सर नशे में रहता था। दूसरी ओर, एक और कहानी कहती है कि उस दिन पहले औरंगजेब ने जैम पीने से मना कर दिया था। लेकिन जब हीराबाई ने उससे जिद की तो उसने शराब पीने के लिए अपने होठों पर जैम लगा लिया। यह देखते ही हीराबा ने उसके हाथ से जाम छीन कर फेंक दिया और कहा कि वह तो बस इम्तिहान ले रही थी कि औरंगजेब उसके प्यार में कहां तक जा सकता है।

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