कोरोना महामारी से अभी लोग उभरे ही थे कि चीन में एक नई बीमारी (China Mysterious Disease) ने दस्तक दी है। इस रहस्यमयी बीमारी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। जिसको लेकर चीनी सरकार भी अलर्ट पर है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए स्कूलों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर आ गया है।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बीमारी से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी और इसके उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी है। जिसमें सभी अस्पतालों में मानव संसाधन, फ्लू के लिए दवाएं और टीके, मेडिकल ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक औषधियों, व्यक्तिगत सुरक्षा के उपकरणों, टेस्टिंग किट एवं रिएजेंट, ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर की पर्याप्त उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं में संक्रमण की रोकथाम के पर्याप्त उपाय इनमें शामिल हैं।
साथ ही कोरोना महामारी के समय दिए गए दिशा-निर्देशों का सभी राज्यों को पालन करना चाहिए। भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय लागू करेगी जरूरी दिशा-निर्देश
स्वास्य मंत्रालय का कहना है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश लागू करेंगे। जिला और राज्य सर्विलांस द्वारा ILI/SARI के रुझानों की बारीकी से निगरानी की जाएगी। आमतौर पर सांस संबंधी बीमारी में इजाफा इन्फ्लूएंजा, माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 जैसे सामान्य कारणों से होती है।
रेस्पिरेटरी टेस्ट के लिए राज्यों में स्थित वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (वीआरडीएल) को एसएआरआई वाले रोगियों, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के नाक और गले के स्वाब के नमूने भेजने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वह हर स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है।
WHO ने जारी की थी रिपोर्ट
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की ओर से एक जानकारी साझा की गई है जिसमें बताया गया है कि चीन के उत्तरी क्षेत्रों में सांस से जुड़ी बीमारी में इजाफा हुआ है। इसके पीछे मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और सार्स कोविड-2 को जिम्मेदार ठहराया गया है।
WHO के मुताबिक, सर्दी में माइक्रो प्लाज्मा, निमोनिया जैसी सांस की बीमारियां फैलती हैं। इसके बढ़ने का एक और कारण देश कोविड-19 के प्रतिबंधों को हटाया जाना भी है। हालांकि अभी घबराने वाली बात नहीं है।