- विज्ञापन -
Home Trending शाही ईदगाह के ASI सर्वे को मंजूरी, क्या श्रीकृष्ण जन्मभूमि का भी...

शाही ईदगाह के ASI सर्वे को मंजूरी, क्या श्रीकृष्ण जन्मभूमि का भी होगा रास्ता साफ?

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए अदालत की निगरानी में एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग स्वीकार कर ली है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया, एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति हम जारी कर रहे हैं. कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. हालांकि, एएसआई सर्वे कब से होगा, कितने लोग इसमें शामिल होंगे, ये सब 18 दिसंबर को तय होगा.

- विज्ञापन -

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया, एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति हम जारी कर रहे हैं. कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. हालांकि, एएसआई सर्वे कब से होगा, कितने लोग इसमें शामिल होंगे, ये सब 18 दिसंबर को तय होगा.

हिंदू पक्ष का क्या कहना है?

हिंदू पक्ष का कहना है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था. इसके अलावा मस्जिद के नीचे एक कमल के आकार का स्तंभ और ‘शेषनाग’ की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं. इतना ही नहीं हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है.

याचिका में कहा गया था, वहां ‘शेषनाग’ की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं. उन्होंने जन्म वाली रात भगवान कृष्ण की रक्षा की थी. अदालत में यह भी प्रस्तुत किया गया कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है. आवेदक ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि कुछ निर्धारित समय अवधि के भीतर शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशिष्ट निर्देशों के साथ कमीशन की नियुक्ति की जा सकती है.

इससे पहले ज्ञानवापी का हुआ था सर्वे

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर ASI के सर्वे का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है. जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. ASI सर्वे में सजावटी ईंटें, दरवाजे के टुकड़े, चौखट के अवशेष समेत कुल 250 से ज्यादा सामग्रियां मिली हैं. इन्हें जिला प्रशासन को सौंपा जा गया है. हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मामले में इससे उन्हें काफी मदद मिलेगी.

ASI क्या है?

ASI भारत के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था है. यह देश में ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का काम करती है. ASI पुरातात्विक सर्वे, यानी पुरानी चीजों का गहन अध्ययन करती है. ऐतिहासिक इमारतों के रखरखाव, मेंटेनेंस और अन्य जरूरी काम ASI की ही जिम्मेदारी है.

- विज्ञापन -
Exit mobile version