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Friday, November 22, 2024
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Astrology में गुरु का महत्व: राजपत्रित पद, छत्र पालिकी, और ज्योतिषीय प्रभाव

 

Astro sumit vijayvergiy

।।गुरु गृह ।। (Jupiter In Astrology) 

ज़ब भी बात हो राजपत्रित (Gazetted) होने की तो गुरु का विचार सर्वोपरि (supreme) है।ज़ब छत्र पालिकी (Chhatra Palika ) का विचार आता है तो वहा गुरु का ही प्रभाव होता है। नेता, महान, पूजित, किसी गद्दी का अधिपति होना, लोगो का आपके समक्ष झुक जाना,पत्नियों के पति, महान पालक, गौरव ओर गुण यह सब गुरु ही है।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को गुरु का दर्जा प्राप्त है। गुरु शुभ, मंगलकारी और सौम्य ग्रह है। गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं। कर्क राशि में गुरु उच्च के होते हैं जबकि मकर राशि में गुरु नीच के होते हैं। गुरु बृहस्पति को तीन विशेष द्दष्टियां प्राप्त है। पांचवी, सातवीं और नौवीं द्दष्टि।

गुरु से निम्नलिखित बातो का भी विचार किया जाता है – The following things are also considered from the planet Jupiter

ब्राह्मण, शिक्षक, कर्तव्य, रथ, गौ, प्यादा, सेना, जोड़ा हुआ, धन, मीमांसा, निधि, घोड़ा, दही, बड़ा शरीर, प्रताप, कीर्ति, तर्क, ज्योतिष, पुत्र, पेट के रोग, हाथी की संपत्ति, वेदांत, दादा, गुरुजन, महल, बड़ा भाई, राजा, शिशिर ऋतु, क्रोध, रत्न, व्यापारी, स्वास्थ्य, सुंदर महल, राज्य की ओर से सम्मान, उरुस्थल, देवता, तप, दान, धर्म, परोपकार, समदृष्टि, उत्तराभिमुख, गोल, पिला रंग, छाता, ग्रामचारी, सखा, डोली, व्याख्यान, शक्ति, मेदा, मध्यम दर्ज़े का कपड़ा, नवीन गृह,सुख, मन्त्र, द्विज, तीर्थस्थान, जानु,स्वर्ग, सुखप्रद घर, विशेष ज्ञान, काव्य, मकान, शिखर, सभा को अमोदित करना सिंहासन, ब्रह्मा की मूर्ति की स्थापना, नित्यशक्ति, महीने, पात्र, यज्ञ का फल, मधुररस, सात्विकता, दूसरों के विचारों को भाप जाना, स्वर्ण आभूषण, वात, कफ, पुखराज, वेद, चमक, मृदु, पत्थर, शिव की पूजा, धर्म मे निष्ठा, सुंदर पालकी के सामान गाडी मे यात्रा, त्याग, आचार्य, अध्यापक,जज, वकील, न्यायधीश। यकृत का मुख्य कारकत्व गुरु का ही है।

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गुरु को बल देना व पीड़ा नष्ट करने हेतु – To give strength to the Guru and to end the pain

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
पुखराज रत्न (Topaz Gemstone) को धारण करना चाहिए

गुरु के मंत्र जाप – Chanting the Guru’s Mantra

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे: नमः
ॐ ब्रं बृहस्पति नमः

“Om Graam Greem Graum Sah Gurve Namaha.
Om Bram Brihaspati Namaha.

(Astro sumit vijayvergiy)

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