Report By: राहुल शर्मा-
डासना में महापंचायत होगी या नहीं इसको लेकर सब हैरान-परेशान
Lucknow (यूपी): गाजियाबाद में एक बाबा Yati Narsinghanand बयान देता है। वो बयान सिर्फ गाजियाबाद या यूपी नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में बवाल खड़ा कर देता है। विरोध प्रदर्शन होते हैं। करोड़ों नहीं बल्कि अरबों रुपया उसके एक बयान की वजह से पैदा हुए बवाल को थामने में खर्च हो जाता है। सरकारी मशीनरी का वक्त और क्षमता की बर्बादी जो हुई सो अलग। उसके बाद भी स्थिति ढाक के तीन पात रहती है। आखिर एक बाबा के आगे ये लाचारी क्यों ? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब शायद ही कोई दे पाए।
सोमवार को महापंचायत पर फिर किच-किच
यति नरसिंहानंद के बयान के बाद से बवाल अब फिलहाल शांत है। मगर, उसके समर्थकों की ओर से प्रशासन की लाख चेतावनियों के बावजूद पंचायत करने का फरमान Social media के अलग-अलग प्लेटफार्म से कहीं टेक्स्ट मैसेज के जरिये तो कहीं वीडियो के जरिये भेजा जा रहा है। लोगों को Mahapanchayat में पहुंचने के लिए कहा जा रहा है। उधर, प्रशासनिक अमले की तरफ से भी लगातार लोगों को ये बताया और समझाया जा रहा है। चेताया भी जा रहा है कि महापंचायत में आने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी और करने वालों पर भी। इसे लेकर किसी तरह की पोस्ट करने वालों से भी सख्ती से निबटा जाएगा। जिलाधिकारी औऱ गाजियाबाद के पुलिस Commissioner भी लगातार कई मर्तबा ये सूचना दे चुके हैं। कई लोगों पर एफआईआर भी दर्ज हुई हैं, मगर इन तमाम कोशिशों का कोई फर्क नहीं पड़ रहा। हकीकत यही है कि खुद सरकारी मशीनरी ही Yati Narsinghanand के बयान के बाद पैदा स्थिति को लेकर परेशान है। या ये कहें कि यति को लेकर ही परेशान है।
यति के सामने प्रशासन पंगु क्यों ?
ये पहला मौका नहीं है कि Yati Narsinghanand के बयानों की वजह से प्रशासनिक अमले की फजीहत रही हो, बल्कि पूर्व में भी इस तरह के बयानों से कानून व्यवस्था बिगड़ती रही है। लेकिन सवाल ये कि आखिर प्रशासन की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि यति के विवादित बोल रोकने में प्रशासन पंगु साबित होता है। ये सवाल कोई खास हो या आम सबकी जुबान पर है। बहरहाल, कल का दिन महापंचायत करने के लिए निर्धारित किया गया था। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद हालात क्या रहते हैं ये सोमवार को ही साफ होगा।
ये भी पढ़े: High Rise Societies: नाम बड़े, दर्शन छोटे!
बीजेपी विधायक पहुंचने वालों का करेंगे स्वागत
Ghaziabad Police पर आए दिन बरसते रहने वाले Bjp के लोनी विधायक नंदकिशोर गूर्जर कल ही वीडियो जारी करके ये बता चुके हैं कि वो महापंचायत में पहुंच रहे संतों का स्वागत करने डासना जाएंगे। हालाकि शनिवार को ही उन्होंने दावा किया था कि महापंचायत का फैसला वापस ले लिया गया है और उनसे इसके लिए सीएम ऑफिस से लेकर कई उच्चाधिकारियों ने फोन पर अनुरोध भी किया है। नंदकिशोर का दावा था कि डासना और उसके आस-पास के कई गांवों के लोगों ने भी महापंचायत करने को गलत फैसला करार दिया था। लेकिन अचानक नंदकिशोर ने अपना बयान पलटा और दोबारा महापंचायत में पहुंचने की बात कहकर प्रशासन की मुश्किल बढ़ा दी है।
कई लोग किए गए होम अरेस्ट
महापंचायत के चलते पुलिस ने जिले के कई हिंदूवादी नेताओं को होम अरेस्ट किया है जबकि कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। जाहिर है कि पुलिस ऐसा महापंचायत को नहीं होने देने के लिए और महापंचायत की वजह से माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते कर रही है।