Mayawati Birthday: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपनी संगठनात्मक स्थिति को मजबूत करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पार्टी की प्रमुख मायावती के जन्मदिन, 15 जनवरी, से बसपा अपने संगठन विस्तार अभियान की शुरुआत करेगी। इस अभियान में पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और नए लोगों को जोड़ने की कोशिश करेगी। खासतौर पर, यूपी के हर जिले में बूथ स्तर तक संगठन विस्तार का काम होगा और पार्टी के पुराने समर्थकों को फिर से सक्रिय किया जाएगा।
बसपा Mayawati का मुख्य ध्यान कैडर बेस्ड पार्टी बनाने पर रहेगा, जैसा कि पार्टी की पुरानी पहचान है। लेकिन पिछले कुछ सालों में बसपा सत्ता से बाहर रहने के बाद अपने पुराने कार्यकर्ताओं को खो चुकी है, जो या तो अन्य पार्टियों में शामिल हो गए हैं या उनकी सक्रियता कम हो गई है। अब पार्टी की कोशिश है कि नए लोगों को अपने विचारधारा से जोड़कर चुनावी तैयारी को तेज किया जाए। पार्टी ने अपने सभी जिला अध्यक्षों को इस दिशा में कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी है, और हर जिले का मंडल कोऑर्डिनेटर इस प्रक्रिया की निगरानी करेगा, जिससे मायावती तक विस्तृत रिपोर्ट पहुंच सके।
संगठन विस्तार के इस अभियान में खास ध्यान बस्तियों में कैडर कैंप लगाने पर होगा। पार्टी का लक्ष्य पुराने और नए कार्यकर्ताओं को जोड़कर अपनी पुरानी ताकत को फिर से स्थापित करना है। 2012 के बाद बसपा सत्ता से बाहर है, और इस कारण से पार्टी का संगठन कमजोर पड़ा है। पार्टी को यह महसूस हो रहा है कि अब वक्त है, जब उसे न सिर्फ पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करना है, बल्कि नए कार्यकर्ताओं और खासकर युवाओं को भी पार्टी से जोड़ने की जरूरत है।
UP Police Protest: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के बाहर प्रदर्शन, परिणाम न घोषित होने से नाराज अभ्यर्थी
आकाश आनंद Mayawati, जो युवाओं को पार्टी में जोड़ने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, उन्हें अब और मेहनत करने की आवश्यकता महसूस हो रही है, क्योंकि अभी तक कोई विशेष सफलता नहीं मिली है। 15 जनवरी से शुरू होने वाले संगठन विस्तार में खास ध्यान युवाओं को पार्टी से जोड़ने पर होगा, ताकि वे बसपा की नीतियों को समझ सकें और पार्टी की विचारधारा के अनुरूप काम कर सकें।
इस बीच, बीजेपी और कांग्रेस भी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीतियों पर काम कर रही हैं, जिसमें बीजेपी नया अध्यक्ष नियुक्त करने की योजना बना रही है और कांग्रेस ने नए सिरे से अपनी समितियों का गठन किया है। इन बदलती परिस्थितियों के बीच बसपा भी अपनी तैयारी पूरी करने के लिए संगठन विस्तार पर फोकस कर रही है।