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Saturday, March 15, 2025
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IIT Kanpur के प्रोफेसर से 2 करोड़ का Cyber Fraud, ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए फंसे ठगों के झांसे में

Cyber Fraud : ऑनलाइन ठगी (Kanpur Cyber Fraud) से बचने के लिए लगातार लोगों को जागरूक किया जाता हैं, लेकिन उसके बावजूद लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में लोग आसानी से ठगों के जाल में फंस कर अपनी मेहनत की कमाई गवा दें रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकध में आया हैं जिसमें डिजिटल कैरेंसी में निवेश का झांसा देकर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर से 1.89 करोड़ रुपये की ठगी हो गई। प्रोफ़ेसर ने कोर्ट के आदेश पर साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

ऐसे हुए Cyber Fraud का शिकार

वर्तमान में आइआइटी कानपुर में प्रोफेसर राजीव जिंदल ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह दो वर्ष पहले तक नोएडा के सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसायटी में परिवार सहित रहते थे। वर्ष 2022 में वह एक ऐप के जरिए इंडोनेशिया की महिला असमारा के संपर्क में आए थे। उसने खुद को इंडोनेशिया के बाली में होटल कारोबारी होने का दावा किया।

महिला ने उन्हें बताया कि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग करके घर बैठे लाखों रुपये कमा सकते हैं। इस दौरान असमारा ने पीड़ित को डिजिटल मुद्राओं में निवेश का झांसा दिया।

शुरुआत में कुछ निवेश करने के बाद मुनाफा हुआ। उन्होंने धीरे-धीरे करके 1,89,94,972 रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए। कई बार में विभिन्न खातों के माध्यम से उनके खाते में 36,24,710 रुपये आए।

शिकायत के बाद भी नहीं दर्ज की FIR

आरोपितों ने कहा कि रोम में संघर्ष चल रहा है। जिस कारण फाइनेंशियल मार्केट में मंदी चल रही है। जिसके बाद कंपनी की तरफ से दिए गए एप पर नियंत्रण ले लिया। आरोपितों ने उनके डाटा के साथ छेड़छाड़ करके उनको नुकसान दिखाने लगे और संपर्क तोड़ लिया। जिसके बाद पीड़ित सदमे में आ गए, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।

पीड़ित को आरोपित बना पुलिस ने किया उत्पीड़न

पीड़ित के अधिवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि राजीव के साथ जिस समय ठगी हुई थी, उस दौरान साइबर ठगों ने इनके खातों में कुछ धनराशि ट्रांसफर की थी। उस दौरान बेंगलुरू में राजीव के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई। बेंगलुरू पुलिस का कहना था कि धोखाधड़ी कर राजीव के बैंक खातों में छह लाख रुपये आए हैं। बेंगलुरू पुलिस ने बैंक खाते फ्रीज कराकर छह लाख रुपये निकाल लिए।

बेटियों की खातिर नहीं की आत्महत्या

पीड़ित के मुताबिक जीवनभर की कमाई जाने के बाद वह सदमे में आ गए थे। पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। साइबर अपराध थाने से लेकर पुलिस कमिश्नर को डाक के द्वारा शिकायती पत्र भेजे गए, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं हुई। इसके चलते वह हताश हो गए और कई बार आत्महत्या करने का विचार मन में आया, लेकिन दो बेटियों के चलते आत्महत्या नहीं की। साइबर अपराध थाना प्रभारी उमेश नैथानी का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

 

By Abhilash Bajpai

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