अब अल्ट्रा प्रॉसेस फूड इतने खतरनाक जानलेवा और नुकसानदेय हैं. तो ये होते क्या हैं? इनके बारे में भी तो जानना जरूरी है. वक्त बदल रहा है तो लोगों की जबान और स्वाद भी बदल रहा है. अब थालियों में दाल-रोटी की जगह पैकेज्ड फूड ने ले ली है. ज्यादातर पैकेज्ड फूड अल्ट्रा प्रॉसेस्ड है. लोग अब स्वाद तो छोड़िए पेट भरने के लिए चिप्स, बिस्किट-नमकीन, पिज्जा-बर्गर और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड खा रहे हैं. अगर आप भी भूख लगने पर ऐसे खाने को तरजीह देते हैं तो आपकी सेहत खतरे में पड़ सकती है.
अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड जो आम तौर पर घर में नहीं बनाया जाता है
घर में भूने गए कॉर्न हेल्दी हैं, जबकि मार्केट में मिल रहा एक्स्ट्रा फ्लेवर वाला स्वादिष्ट पॉप कॉर्न बनाने के लिए कई केमिकल्स, शुगर और सॉल्ट इस्तेमाल होता है. इस पूरी प्रक्रिया को अल्ट्रा प्रोसेसिंग कहते हैं और फूड को प्रॉसेस्ड फूड. अगर आप अभी बी न समझ पाए हों तो इसको और भी सरल भाषा में आपको समझाते हैं कि आटा अल प्रॉसेस्ड फूड है लेकिन दलिया जिसमें नमक या चीनी मिला दिया जाए तो वो प्रॉसेस्ड हो जाता है. ऐसे ही अगर आंटे से कूकीज बना दी जाए. जिसमें और भी एमल्सीफायर, रंग, बाकी चीजें मिली होता हैं तो ये अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड बन जाता है. तो अभी आप अपने किचन में जाइए अलमारी औऱ फ्रिज खोलिए और देखिए कि आप किन किन प्रॉसेस्ड फूड का कंजम्शन कर रहे हैं वैसे टॉप 10 प्रॉसेस्ड फूड में
1- कोल्ड ड्रिंक
2-पैक्ड चिप्स
3.चाकलेट
4. आइसक्रीम
5.कैंडी
6.पैक्ड सूप
7.हॉट डॉग
8.फ्रेंच प्राइस
9.पेस्ट्री
10. केक
अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को लेकर WHO और AIIMS की रिपोर्ट
अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को लेकर WHO और AIIMS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जो भी प्रोडेक्ट अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड में आते हैं उनमें नमक की मात्रा 68 फीसदी ज्यादा है. अब सोचिए यही नमक आपके बीपी को बढ़ाता है. जिसकी वजह से आप दिल की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं. ज्यादा नमक का सेवन आपके दिमाग के लिए भी काफी नुकसानदायक होता है.
भारत में अल्ट्रा फ्रॉसेस्ड फूड का बाजार
भारत की बात करें तो भारत में अल्ट्रा फ्रॉसेस्ड फूड का बाजार काफी ज्यादा बड़ा है. जिसके बार में नीति आयोग ने भी अपनी एक रिपोर्ट हाल ही में प्रकाशित की है. जिसके आंकड़े चौंकाने वाले है. नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि भारत में अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड का बाजार 60 बिलियन डॉलर का है. हर साल इसके बढ़ने रफ्तार 13% के आसपास है. दुनिया में ये बाजार 600 बिलियन डॉलर का है. 2029 तक भारत में ये 90 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा.