Kanpur : नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए पुलिस (Kanpur Police) ने ऑपरेशन सुदर्शन (Operation Sudarshan) की शुरूआत की है। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने सुदर्शन का लोगो लांच कर दिया है। विभिन्न नशों के साथ अवैध शराब व हुक्काबार के खिलाफ अभियान चलाकर प्रभावी रोक लगाना इसका उद्देश्य है।
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने ऑपरेशन सुदर्शन का शुभारंभ करते हुए बताया कि त्रिस्तरीय कार्य योजना बनाते हुए इसकी शुरूआत की गई है। पुलिस, प्रशासन, संभ्रांत नागरिक व सामाजिक संगठनों की मदद से यह अभियान चलाया जाएगा। नशे के विरुद्ध लोगों को जागरूक कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीपीओ, सुरक्षा समिति व संभ्रांत नागरिकों के माध्यम से लती लोगों को चिन्हित किया जाएगा।
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन
नशा मुक्त करने व पुनर्वास के लिए सामाजिक संगठनों व प्रशासन द्वारा सहयोग लेते हुए प्रयास किए जाएंगे। उनके कौशल विकास पर ध्यान दिया जाएगा। पुलिस कमिश्नर (Kanpur Police Commissioner) ने बताया कि प्रदेश स्तर पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।
लोग नशे में पड़कर जरूरतें पूरी करने के लिए अपराध कर बैठते हैं। इस तरह के अपराधों की रोकथाम के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। नशे की सप्लाई और डिमांड करने वालों पर कार्य योजना के तहत नियंत्रण लगाया जाएगा। नशे के दुष्प्रभावों से ग्रसित लोगों को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति मीटिंग कराकर निदान दिलाएगी।
नशे के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों की बनेगी सूची
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आने वाले सात दिनों के भीतर सभी थाना प्रभारी अपने क्षेत्रों में संभ्रांत नागरिकों, बीपीओ व अन्य संगठनों से मिलकर लिस्ट बनाएंगे कि कौन से लोग नशे के अवैध कारोबार से जुड़े हैं। पुलिस उनपर कार्रवाई करेगी और इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच, एएनटीएफ को दी जाएगी।
नशा करने वालों का संबंधित थाने में रजिस्टर बनेगा। मोहल्ला सुरक्षा समिति व पुलिस नशे से पीड़ित व्यक्ति के साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करते हुए उनकी काउंसलिंग करेगी। अच्छे व्यवहार के लिए महिला पुलिस कर्मी पारिवारिक सहायता के लिए नामित की जाएंगी। यह कार्य सभी थानों में 31 मार्च तक कर लिया जाएगा।
आजीविका का स्रोत नहीं तो ट्रेनिंग दिलाएंगे
पुलिस कमिश्नर ने कहा नशे की लत छुड़वाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए दस दिन के भीतर एनजीओ आदि केंद्र के अधिकारियों से मिलकर बैठक करें। जो लती हैं और आजीविका का कोई स्त्रोत नहीं रखते हैं। ऐसे मामलों के लिए जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी कार्य योजना बनाकर पीड़ित को ट्रेनिंग दिलाएंगे ताकि उसकी जीविका चल सके।
अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय प्रत्येक माह ज्यादा से ज्यादा लोगों को नशे के चंगुल से मुक्ति दिलाने के लिये पुलिस, एनजीओ, मुहल्ला सुरक्षा समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करेंगे।
नशे की सामग्री बेचने वालों पर कार्रवाई
ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत जहां कहीं भी नशे की सामग्री बेचे जाने की जानकारी मिलती है वहां कैमरा लगवाकर व डीसीपी स्तर से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कार ओ बार के तहत शराब पीने वालों पर भी अब कार्रवाई होगी। ऐसे रेस्टोरेंट जो अवैध रूप से शराब परोसते हैं उन पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। हुक्का बार और कच्ची शराब बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
By Abhilash Bajpai