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केरल में प्रार्थना सभा के दौरान बम ब्लास्ट, एक की मौत, दर्जनों घायल

इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दे रहा है.

केरल के एर्नाकुलम इलाके में ईसाइयों की प्रार्थना सभा में बम धमाके हुए हैं. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 40 लोग घायल बताये जा रहे हैं. दरअसल एर्नाकुलम में कलामसेरी स्थित कन्वेंशन सेंटर में यहोवा के साक्षियों की प्रार्थना चल रही थी. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे. तभी एक जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई. तीन लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. सभी घायलों का एर्नाकुलम के मेडिकल कॉलेज में इलाज कराया जा रहा है.

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इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दे रहा है. लोग इधर से उधर भाग रहे हैं. कुर्सियां आग की लपटों में घिरी हुई हैं. कुछ लोग वहां से कुर्सियों को हटा रहे हैं ताकि आग ज्यादा भीषण न हो जाए. इस आग को देखकर इतना समझ आ रहा है कि ये ब्लास्ट कम डेन्सिटी का नहीं था, नहीं तो आग की लपटें इतनी ऊंची नहीं उठतीं. ऐसा लगता है कि बम धमाका करने वालों को मालूम था कि यहां कितने लोग शामिल हैं. इन धमाकों के पहले उस जगह की पूरी रेकी की गई है. एक्सप्लोसिव डिवाइस को भीड़ में अलग-अलग जगह पर रखा गया था, ताकि अफरा-तफरी मचने पर ज्यादा से ज्यादा लोग इन धमाकों की जद में आ जाएं.

धमाकों के बाद पूरे केरल में अलर्ट जारी किया गया है. खासकर 14 जिलों के पुलिस कप्तानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. हर जगह बस और रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा गया है. केरल के डीजीपी डॉ. शेख दरवेश साहब ने कहा कि, ”सुबह लगभग 9 बजकर 40 मिनट पर जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर में विस्फोट हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. कन्वेंशन सेंटर में एक धर्म विशेष का सम्मेलन हो रहा था. हमारे सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं. एडिशनल डीजीपी भी वहां जा रहे हैं. हम पूरी जांच कर रहे हैं, पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

IED क्या है और कितना खतरनाक होता है?

आईईडी यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ऐसे बम होते हैं, जो मिलिट्री बमों से अलग होते हैं. इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए किया जाता है. आईडी ब्लास्ट के वक्त घटनास्थल पर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. इन बमों के ऊपर दबाव पड़ने पर तेज आग और धुएं के साथ धमाका होता है. इसको ट्रिगर करने के लिए आतंकी और नक्सली रिमोट कंट्रोल, इंफ्रारेड या मैग्नेटिक ट्रिगर्स, प्रेशर-सेंसिटिव बार्स या ट्रिप वायर जैसे तरीकों का इस्तेमाल करता हैं. कई बार इन्हें सड़क के किनारे तार की मदद से बिछाया जाता है. भारत में नक्सलियों द्वारा कई वारदातों को आईईडी के द्वारा अंजाम दिया जाता है.

गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम से की बात

केरल में हुए इन सीरियल धमाकों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी. केंद्र एनआईए के साथ एनएसजी (NSG) की टीम भी भेज रही है. एनआईए की टीम जल्द मौके पर पहुंचने वाली है. NIA की फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंचेगी. गृहमंत्री अमित शाह ने भी केरल के मुख्य मंत्री पिनाराई विजयन से बात की है. इस दौरान उन्होंेने मौजूदा स्थिति पर बात की.

सीएम ने धमाकों पर क्या कहा?

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने धमाकों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि स्थिति को गंभीरता से देखा जा रहा है. राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विस्फोट स्थल पर जा रहे हैं. कलामासेरी पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल धमाके की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है. यह भी पुष्टि नहीं हो सकी है कि मौके पर एक से ज्यादा धमाका तो नहीं हुआ.

मुंबई और दिल्ली में अलर्ट

केरल में हुए इन सीरियल धमाकों के बाद देश की राजधानी दिल्ली  और मुंबई पुलिस अलर्ट पर है. हालांकि, मुंबई पुलिस का कहना है कि त्योहारी सीजन और क्रिकेट मैच को देखते हुए हम पहले से ही सुरक्षा चुस्त है. मुंबई यहूदी सेंटर छबाड़ हाऊस के पास पहले से ही 24 घंटा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है.

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