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मराठा आंदोलन की आग और भड़की, कई जगह इंटरनेट बंद, अब तक क्या-क्या हुआ?

महाराष्ट्र में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग को लेकर दूसरी बार भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

मराठा आंदोलन की आग जब से भड़की है तब से माहाराष्ट्र में सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण (Maratha reservation) को लेकर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई लेकिन फिर भी आंदोलन के नेता मनोज जरांगे भूख हड़ताल पर चले गए हैं. उग्र होते इस आंदोलन को देखते हुए छत्रपति संभाजीनगर में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सुविधाएं बंद कर दी गई हैं. उससे पहले एक विधायक के घर में आंदोलनकारियों ने आग लगा दी थी.

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किन-किन जगहों पर इंटरनेट बंद?

आदेश के मुताबिक, गंगापुर, वैजापुर, खुलताबाद, फुलंबरी, सिल्लोड, कन्नड़, पैठण, सोएगांव तालुका में इंटरनेट पर पाबंदी रहेगी. वहीं छत्रपति संभाजीनगर शहर में इंटरनेट को बंद नहीं रखा गया है.

बताया गया है कि मोबाइल इंटरनेट के साथ-साथ डोंगल, ब्रॉडबैंड, वायरलाइन इंटरनेट, फाइबर इंटरनेट आदि पर 48 घंटे के लिए पाबंदी रहेगी.

भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे

बता दें कि महाराष्ट्र में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग को लेकर दूसरी बार भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इसके बाद उनके समर्थन में बीते तीन दिनों में महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी. कुछ विधायक जिन्होंने मनोज जरांगे के खिलाफ टिप्पणी की थी, उनके आवास को भीड़ द्वारा फूंक दिया गया था. इतना ही नहीं मराठा आरक्षण के समर्थन में हिंगोली से सांसद हेमंत पाटिल और नासिक से सांसद हेमंत गोडसे ने इस्तीफा तक दे दिया है.

सीएम ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे सर्वदलीय बैठक की. इसमें शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए. करीब 3 घंटे की बैठक के बाद दोपहर डेढ़ बजे शिंदे सहयाद्री भवन से बाहर आए और मीडिया से करीब 2 मिनट बात की.

शिंदे ने कहा- सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए. यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए. आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जारांगे से भी अपील है कि वो अनशन खत्म करें. हिंसा ठीक नहीं है.

इधर, आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को एक महिला समेत 9 और लोगों ने आत्महत्या कर ली. 19 से 31 अक्टूबर तक यानी 13 दिनों में 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं. यह संख्या 1990 के मंडल आंदोलन के दौरान की गई आत्महत्याओं के आंकड़े के बाद सबसे ज्यादा है. इस साल सितंबर में शुरू हुआ आंदोलन 10 जिलों में हिंसक हो गया है.

आंदोलन में अब तक क्या-क्या हुआ?

30 अक्टूबर को बीड में हुई हिंसा मुंबई तक पहुंच गई है. कोलाबा इलाके में बुधवार सुबह विधायकों के सरकारी आवास के सामने दो अज्ञात लोगों ने महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रिफ के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़ की। इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

आंदोलन के समर्थन में अब तक दो सांसद और 4 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें शिवसेना शिंदे गुट के हिंगोली और नासिक के सांसद हेमंत पाटिल और हेमंत गोडसे शामिल हैं. इसके अलावा शिंदे की शिवसेना से विधायक रमेश बोरनारे, वैजापुर से शिवसेना शिंदे गुट के विधायक रमेश बोरनारे, परभणी से कांग्रेस के विधायक सुरेश वारपुडकर, गेरवाई से भाजपा विधायक लक्ष्मण पवार ने भी इस्तीफा दे दिया है. सरकार में शामिल तीनों दलों के 10 विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया है.

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर इस साल आंदोलन शुरू करने वाले मनोज जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल का आज 8वां दिन है. जारांगे ने चेतावनी देते हुए कहा- महाराष्ट्र सरकार स्पेशल सेशन बुलाकर आरक्षण पर फैसला करे. वरना ये आंदोलन देशभर में होगा. उन्होंने फैसला न करने पर जल त्यागने की चेतावनी दी है.

मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में जस्टिस संदीप शिंदे समिति की अंतरिम रिपोर्ट को मंजूरी दी गई. हालांकि, सरकार ने भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल की सभी मराठाओं को आरक्षण देने की मांग खारिज कर दी.

एक सांसद और दो विधायकों ने इस्तीफा दिया

शिवसेना (शिंदे गुट) सांसद हेमंत पाटिल ने 30 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया. इसके बाद मराठा आरक्षण को लेकर बीड की गेवराई सीट से बीजेपी विधायक लक्ष्मण पवार ने इस्तीफा दे दिया है. लक्ष्मण पवार ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर यह पता नहीं चला है कि इनमें से किसी का इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं.

सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में मुंबई में मराठा आरक्षण के लिए नियुक्त समिति की बैठक हुई. वहीं, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को महाविकास अघाड़ी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैंस से मिला.

इसमें बालासाहेब थोराट, नाना पटोले, जयंत पाटिल, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, अंबादास दानवे, वर्षा गायकवाड़, रवींद्र वायकर, राजेश टोपे, सुनील प्रभु और तीनों पार्टियों के विधायक मौजूद थे.

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