Aadhaar Card link Voter ID: आने वाले महीनों में भारत में वोटर आईडी कार्ड को Aadhaar Card से जोड़ने की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी। चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया है कि मतदान प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने और मतदाता सूची में गड़बड़ियों को सुधारने के लिए, वोटर आईडी कार्ड (ईपीआईसी) को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। इस फैसले के तहत चुनाव आयोग ने आधार और ईपीआईसी को जोड़ने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों के बीच परामर्श करने का निर्णय लिया है। यह कदम संविधान के अनुच्छेद 326 और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप उठाया जाएगा।
आधार और वोटर आईडी को जोड़ने की प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोटर आईडी को Aadhaar Card से जोड़ने का अभियान संवैधानिक ढांचे के भीतर होगा। यह कार्य अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) तथा सर्वोच्च न्यायालय के डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 के फैसले के अनुसार किया जाएगा। आयोग ने यह भी बताया कि इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए यूआईडीएआई और चुनाव आयोग के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।
निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कदम
चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करना है। आयोग का मानना है कि वोटर आईडी को आधार से जोड़ने से मतदाता सूची में गड़बड़ियों का समाधान हो सकेगा, खासकर उन मामलों में जहां एक ही व्यक्ति को एक से अधिक स्थानों पर वोटर के रूप में रजिस्टर किया गया हो। आयोग ने यह भी बताया कि इस कदम से चुनावों में पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदाता की पहचान की पुष्टि आसान हो जाएगी।
राजनीतिक दलों के सवाल
यह निर्णय उस समय लिया गया है जब कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने एक ही EPIC नंबर से जुड़ी समस्याओं को उठाया है। तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (UBT), एनसीपी और बीजेडी जैसी पार्टियों ने चुनाव आयोग से इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगा है। चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है कि कुछ राज्यों में खराब अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण एक ही EPIC नंबर दोबारा जारी किया गया था, लेकिन इसे धोखाधड़ी नहीं माना जा सकता। आयोग ने इस मुद्दे के समाधान के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी बन सके।