Agra News: आगरा से एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है की हरियाणा और हिमाचल से नकली दवाईयों की सप्लाई बढ़ गई है। सुत्रों के मुताबिक STF ने जंसय प्लेस से नकली दवाएं बरामद की हैं। आरेपी के पास एक भरा कार्टन मिला है। इस पूरे मामले में आगरा और फिरोजाबाद के बीच नकली दवाओं और नशे के इंजेक्शनों का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया है।
जानें पूरा मामला
STF ने अनुराग से 1050 पत्ते नकली एमोक्सीलिन कैप्सूल बरामद किए हैं। इनका बैच नंबर भी वही है जो पहले पकड़े गए नमूनों में था। इसके अलावा आगरा से बिना लाइसेंस के एविल और रिस्ट्रिक्टेड डुपरेनारफिन इंजेक्शन भी हरियाणा भेजे जा रहे थे जिन्हें नशे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। अनुराग ने बताया कि उसने पहले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का लाइसेंस लिया था लेकिन 2023 में यह लाइसेंस निरस्त हो गया। इसके बावजूद वह बिना लाइसेंस के नकली दवाएं बेचता रहा। वह ये दवाएं रोडवेज बसों से मंगवाता था और बस चालकों को इसके लिए पैसे देता था।
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कार्यवाही जारी
हरियाणा में भी इन नशे के इंजेक्शन के खिलाफ कार्रवाई हुई है। वहां के एंटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 8 नवंबर को झज्जर में छापेमारी कर साहिल राठी और सुमित नाम के लोगों को बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित इंजेक्शन के साथ पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे फिरोजाबाद के दिनेश से नशे के इंजेक्शन खरीदते थे जिसे पुलिस ने 10 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे आया मामले सामने ?
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने इस मामले की जांच में पाया कि संजय प्लेस के एक थोक विक्रेता से लिए गए दवाओं के नमूने नकली थे। इसी कड़ी में अनुराग का नाम सामने आया जो ये दवाएं शिमला के दीपक अमौली और हरियाणा के करनाल से रोहित सचदेवा से मंगवाता था।
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