Agra News : जो ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है, वह इन दिनों अपनी सुंदरता और संरचना में गिरावट का सामना कर रहा है।
हाल ही में ताजमहल में कुछ घटनाएँ हुई हैं, जो चिंता का विषय बन गई हैं। शायद शाहजहाँ ने कभी नहीं सोचा होगा कि साल 2024 में उनके बनवाए इस अजूबे में पीपल का पौधा उग आएगा, इमारत जगह-जगह से जर्जर हो जाएगी, मुख्य गुंबद से पानी टपकने लगेगा, और इस ऐतिहासिक स्थल के परिसर में मूत्र विसर्जन जैसी घटनाएँ होने लगेंगी। इन सब घटनाओं के बाद ताजमहल की देखरेख करने वाली संस्था ASI की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मुद्दे पर यूपी Tak ने एएसआई के जॉइन्ट डायरेक्टर जनरल टीजे अलोन से खास बातचीत की है। जानिए उन्होंने क्या कहा।
ताजमहल की दीवारों में आई दरारें
ताजमहल की दीवारों में दरारों के कारणों के बारे में ASI के अधिकारी टीजे अलोन ने कहा, “दिन में गर्मी और रात में ठंड के कारण इमारतों के प्लास्टर में दरारें आ जाती हैं। यह लगभग सभी इमारतों में होता है। इसके लिए हर साल ASI पॉइनिटिंग का कार्य करता है, जो कि लगभग सभी धरोहर स्थलों के साथ किया जाता है। अगर आप ध्यान दें, तो हर इमारत में प्लास्टर छूटता है, जिसे फिर से मरम्मत किया जाता है।”
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पक्षी फल आदि का सेवन करते हैं, जिसके बाद वे बीट करते हैं और ये बीट कई स्थानों पर गिरती हैं, जहां से पौधे उग जाते हैं। ताजमहल की स्थिति में, हमारी टीम हर शुक्रवार को इन सब चीजों को साफ करती है, लेकिन कभी-कभी ये पौधे दो हफ्तों तक नहीं हट पाते हैं। इसके पीछे वीवीआईपी मूवमेंट या अन्य कारण हो सकते हैं। इन पौधों और अन्य वस्तुओं को हटाना बेहद जटिल है, क्योंकि इमारत पर सीढ़ी नहीं लगाई जा सकती।
इसलिए हमारे कर्मचारी रस्सी का इस्तेमाल करके इमारत पर चढ़ते हैं और सफाई का काम करते हैं। इस स्थिति में हमें उनके काम पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, बल्कि उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।