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आगरा में कमिश्नरेट नहीं ‘कमीशन रेट’ सिस्टम

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बीजेपी विधायक ने उठाए खाकी पर सवाल

आगरा (यूपी)। एक तरफ जहां जीरो टोलरेंस पर लगातार फोकस करती योगी आदित्यनाथ की 2.0 सरकार लगातार अपराधियों पर शिकंजा कसने में लगी है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष लगातार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए नित नये प्रयोग कर रहा है। इसके इतर बीजेपी के जनप्रतिनिधि भी अपनी सरकार में ही तैनात हुक्मरानों से खुलकर नाराजगी का एहसास करा रहे हैं।

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गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर के खिलाफ अरसे से लामबंद बीजेपी के लोनी विधायक के बाद अब आगरा में भी एक बीजेपी विधायक ने आगरा (Agra) पुलिस के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। बाकायदा बीजेपी विधायक ने इस बाबत पत्र लिखकर कानून व्यवस्था पर नाराजगी का इजहार किया है। आगरा छावनी के विधायक और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री डॉ.जी.एस.धर्मेश ने कहा है कि ताज नगरी में कमिश्नरेट नहीं बल्कि कमीशन रेट सिस्टम चल रहा है।

आगरा छावनी के विधायक हुए नाराज

बीजेपी के आगरा (Agra) छावनी से विधायक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ. जी एस धर्मेश ने मीडिया को प्रेस रिलीज जारी करके बाकायदा पुलिस कमिश्नरेट के उच्चाधिकारियों से लेकर निचले स्तर के अफसरों तक पर भ्रष्टाचार और सीएम योगी की नीतियों को पलीता लगाने के आरोप मढ़े हैं।


‘सिर्फ कमीशनखोरी में लगे अफसर’

विधायक धर्मेश ने मीडिया को जारी की प्रेस रिलीज में कहा कि यहां पुलिस में तैनात वरिष्ठतम पुलिस अधिकारी और कुछ एसीपी मुख्यमंत्री की अपराधों पर जीरो टोलरेंस की सोच को पलीता लगाते हुए भू-माफियाओं और अन्य अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। हालात ये हैं कि कमिश्नरेट सिस्टम कमीशन सिस्टम बनकर रह गया है।

अपराधियों को दे रहे संरक्षण

विधायक का आरोप है कि पुलिस न्यायालयों में लचर पैरवी कर रही है। जिससे भूमाफिया, बलात्कारी अदालतों से बरी हो रहे हैं। एक सप्ताह पहले की घटना का जिक्र करते हुए विधायक ने कहा कि एक गैर जमानतीय वारंटी को पुलिस ने पकड़ा और दो घंटे बाद ही छोड़ दिया। पुलिस इंस्पेक्टर को ऐसा करने का आदेश किस अफसर ने दिया ?

बीजेपी कार्यकर्ताओं को भेज रहे जेल

बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि एक तरफ अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के दायित्यवान कार्यकर्ताओं को पुलिस अफसर गंभीर धाराओं में फर्जी केस लगाकर जेल भेजने का काम कर रहे हैं।

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गाजियाबाद पुलिस पर भी लगते हैं आरोप

गौरतलब है कि इससे पहले गाजियाबाद में भी पुलिस कमिश्नर और कमिश्नरेट सिस्टम पर बीजेपी के विधायक आरोप लगा चुके हैं। गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से तीन बार के बीजेपी विधायक नंदकिशोर गूर्जर तो कई बार गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर को वायसराय तक बता चुके हैं। वहां भी पुलिस पर गौ-तस्करों, धर्मपरिवर्तन कराने वालों तरह-तरह से जेहाद कराने वालों और हिंदू परिवारों की बेटियों से रेप की घटनाएं करने वालों को पुलिस अफसरों के संरक्षण देने जैसे आरोप लगाते रहे हैं।

विपक्षियों ने ली चुटकी


बीजेपी विधायक के पत्र को लेकर विपक्षी दल चुटकी लेने लगे हैं। बैठे बिठाए उन्हें बीजेपी सरकार को घेरने के लिए एक मुद्दा जो मिल गया है। समाजवादी पार्टी के आगरा महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात तो करती है, लेकिन यहां तो बीजेपी के विधायक ही पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

आगरा (Agra) के बीएसपी जिलाध्यक्ष विमल वर्मा ने कहा है कि जब बीजेपी विधायक पुलिस की कार्यशैली पर इतने गंभीर आरोप लगा रहे हैं, तो आम लोगों के साथ पुलिस का बर्ताव कैसा रहता होगा ? इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्हंने कहा कि कमिश्नरेट बनने के बाद से पुलिस की वसूली में इजाफा हो गया है।

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