समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के टलने पर बड़ा खुलासा किया है। अखिलेश ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी को पहले से ही मिल्कीपुर में हार का डर था, इसलिए चुनाव को टाल दिया गया। अब तो योगी के जाने का समय है। अखिलेश के अनुसार, बीजेपी ने मिल्कीपुर में अपना आंतरिक सर्वे करवाया था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा था। इसी वजह से बीजेपी ने चुनाव से पहले कई बदलाव किए, लेकिन जब उन्हें यह अहसास हुआ कि बदलाव के बावजूद उनकी हार निश्चित है, तो चुनाव की घोषणा ही नहीं की गई।
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव क्यों नहीं हुआ?
उत्तर प्रदेश की कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना था, लेकिन निर्वाचन आयोग ने केवल 9 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट, जहां उपचुनाव होना था, उसमें चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ। यह सीट लोकसभा चुनाव के बाद से खाली है, जब समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।
अखिलेश यादव का बीजेपी पर सीधा हमला
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने पहले मिल्कीपुर में अपनी हार को देखते हुए अधिकारियों और बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को बदल दिया, खासकर पिछड़े और दलित समुदाय के बीएलओ को हटा दिया गया। इसके बाद जब दोबारा सर्वे कराया गया, तो भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद बीजेपी ने चुनाव को ही टालने का फैसला किया। अखिलेश ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी कोर्ट में दो दिन के अंदर अपनी याचिका वापस नहीं लेती, तो इस बार मिल्कीपुर में उपचुनाव नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी हार के डर से मैदान छोड़ चुकी है।
अवधेश प्रसाद का बयान
मिल्कीपुर के पूर्व विधायक और वर्तमान सांसद अवधेश प्रसाद ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, तभी से बीजेपी को यह डर था कि वे इस सीट पर चुनाव हार जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव से पहले ही हार मान चुकी थी, इसलिए चुनाव को टालने का निर्णय लिया गया। अवधेश ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने जंग से पहले ही हार स्वीकार कर ली है।
मिल्कीपुर सीट का राजनीतिक महत्व
मिल्कीपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि यह अयोध्या के फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इसी क्षेत्र से अवधेश प्रसाद को मैदान में उतारा था, और उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह को हराया था। राम मंदिर जैसे मुद्दे के बावजूद अवधेश प्रसाद की जीत से बीजेपी को बड़ा झटका लगा था। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर से विधायक पद छोड़ दिया था, जिससे यह सीट खाली हो गई थी।
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समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अजीत प्रसाद पर मारपीट और फिरौती मांगने के मामले में एक केस दर्ज होने के बाद राजनीतिक समीकरणों में बदलाव हो सकता था।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव के इस बयान से यह साफ है कि समाजवादी पार्टी मिल्कीपुर उपचुनाव के टलने को लेकर बीजेपी पर सीधा हमला बोल रही है। उनका मानना है कि बीजेपी ने अपनी हार से बचने के लिए चुनाव को टालने की चाल चली है। यह मुद्दा अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा विषय बन गया है। समाजवादी पार्टी इस मामले को जनता के बीच ले जाकर बीजेपी की कमजोरियों को उजागर करने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश यादव के इस बयान ने मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर गर्म बहस छेड़ दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।