Aligarh News: एक प्रेम कहानी, जिसने रिश्तों को शर्मसार किया और एक परिवार को बर्बाद कर दिया। 2013 में अवैध संबंधों के चलते अपने पति की हत्या करने वाली महिला और उसके प्रेमी को 11 साल बाद अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस दर्दनाक मामले ने न केवल कानून व्यवस्था को झकझोरा बल्कि समाज में रिश्तों की मर्यादा पर भी सवाल खड़े किए।
हत्या के बाद पैदा हुए चार बच्चों में से तीन अब अपनी मां के साथ जेल में रहेंगे जबकि सबसे बड़े बेटे को किशोर गृह भेजा गया है।
हत्या की घटना
11 अप्रैल, 2013 की रात को अलीगढ़ के अकराबाद थाना क्षेत्र के बड़ी उकरावली गांव में कमलेश देवी और राजेश कुमार ने मिलकर पति लेखराज सिंह की हत्या कर दी थी। लेखराज को सोते समय गोली मार दी गई थी। एडीजीसी हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि कमलेश 2012 में राजेश के साथ भाग गई थी। जब उसे पता चला कि उसका पति खेती की जमीन बेचने जा रहा है तो वह वापस लौटी और हत्या की साजिश रची।
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एक दशक तक चला मामला
लेखराज के भाई ओम प्रकाश ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। डेढ़ साल बाद दोनों को जमानत मिल गई। जमानत के बाद कमलेश और राजेश ने साथ रहना शुरू किया और उनके चार बच्चे हुए। सजा सुनाए जाने के बाद, महिला ने अदालत से अपने तीन छोटे बच्चों (3, 4 और 5 साल) को अपने साथ जेल में रखने की अनुमति मांगी जिसे स्वीकार कर लिया गया। बड़ा 9 वर्षीय बच्चा पहले ही किशोर गृह भेज दिया गया है।
अदालत का निर्णय
additional district और session judge ने इस जघन्य अपराध के लिए दोनों को आजीवन कारावास की सजा दी। उन्होंने महिला की अपील पर तीन बच्चों को जेल में मां के साथ रहने की अनुमति दी क्योंकि परिवार में बच्चों की देखभाल करने वाला कोई अन्य सदस्य नहीं है।
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