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Aligarh News: मैं जिंदा हूं… आठ महीने से अफसरों को बता रहे भगवंत, पेंशन के लिए तरस रहे

Aligarh News: अलीगढ़ के तहसील अतरौली स्थित गांव कासिमपुर गदाईपुर के निवासी भगवंत सिंह पिछले आठ महीनों से एक बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं। उनकी वृद्धावस्था पेंशन, जो उनके जीवनयापन का महत्वपूर्ण स्रोत है, प्रशासनिक लापरवाही के कारण रोक दी गई। दरअसल, सत्यापन के दौरान उन्हें गलती से मृत घोषित कर दिया गया, जिसके बाद उनकी पेंशन का भुगतान बंद कर दिया गया। अब वे लगातार तहसील, ब्लॉक और विकास भवन के चक्कर काट रहे हैं, यह बताते हुए कि वे जीवित हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।

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भगवंत सिंह की समस्या की जड़ एक कर्मचारी की लापरवाही में है, जिसने सत्यापन प्रक्रिया के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया, जबकि वे पूरी तरह से जीवित हैं। इस गलती के बाद उनके जीवन की महत्वपूर्ण पेंशन रोक दी गई, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वे अधिकारियों से बार-बार अपील कर रहे हैं कि उनकी पेंशन फिर से शुरू की जाए, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।

इस पूरे मामले ने न केवल भगवंत सिंह के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यशैली पर भी सवाल उठाता है। एक छोटी सी गलती ने न केवल उनके जीवन को कठिन बना दिया, बल्कि उनके परिवार को भी भारी आर्थिक संकट में डाल दिया है। भगवंत सिंह का कहना है कि वे कई बार अधिकारियों से मिले हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

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यह मामला Aligarh प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता को और भी प्रमुख बना देता है। यदि इस तरह की छोटी गलतियाँ समय पर ठीक नहीं की जातीं, तो इससे न केवल एक व्यक्ति की जिंदगी प्रभावित होती है, बल्कि पूरे समाज का विश्वास भी प्रशासन पर से उठ सकता है। भगवंत सिंह की पेंशन को पुनः बहाल करने की मांग जोर पकड़ रही है, साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

अब सोशल मीडिया और स्थानीय Aligarh समाचार पत्रों के जरिए यह मुद्दा ज्यादा प्रकाश में आ गया है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि भगवंत सिंह को जल्द ही न्याय मिल सके।

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