Ayodhya Mahotsav: अयोध्या महोत्सव के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें भोजपुरी अभिनेत्री आम्रपाली दूबे और अन्य कलाकार भोजपुरी गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो कुछ ही समय में विवादों का कारण बन गया, खासकर जब इसे अश्लीलता फैलाने वाला कार्यक्रम बताया गया। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस वीडियो को लेकर योगी सरकार और भाजपा पर कड़ी आलोचना की, आरोप लगाते हुए कहा कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक मर्यादा के साथ खिलवाड़ है।
- विज्ञापन -🎥 आम्रपाली दूबे का अयोध्या महोत्सव में वायरल वीडियो विवादों में! भोजपुरी गाने पर डांस को लेकर सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा। क्या राम की नगरी में इस तरह के कार्यक्रम उचित हैं? 🤔#AyodhyaMahayotsav #AmrapaliDubey #Controversy #YogiGovernment #CulturalValues #Sapa pic.twitter.com/0Vwx73hFm5
— The MidPost (@the_midpost) January 8, 2025
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि भोजपुरी गाने पर दो महिलाएं स्टेज के सामने डांस कर रही हैं। जब ये महिलाएं अपने डांस के दौरान इशारे करती हैं, तो आम्रपाली दूबे भी उनके साथ मंच पर आकर डांस करने लगती हैं। इस दौरान कुछ अन्य कलाकार भी अपनी प्रस्तुति दे रहे थे। वीडियो में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या अयोध्या जैसे धार्मिक स्थान पर अश्लील और डबल मीनिंग गाने बजाना सही था? क्या बिना ऐसे गानों के महोत्सव का आयोजन संभव नहीं था?
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सपा नेता पवन पांडे ने वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि यह अयोध्या महोत्सव नहीं, बल्कि Ayodhya की सांस्कृतिक और धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन है। उन्होंने इस घटना को भाजपा और योगी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए इसे “दोहरा चेहरा” करार दिया। इसके अलावा, सपा आईटी सेल ने भी वीडियो शेयर करते हुए इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार का असली चेहरा बताया।
समाज के एक हिस्से ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए इसे आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया। एक पोस्ट में लिखा गया, “भगवान श्रीराम की जन्मभूमि Ayodhya पर इस तरह के गाने और डांस के आयोजन से हमारी संस्कृति को नुकसान पहुंच रहा है।” सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है, और लोग आयोजकों पर सवाल उठा रहे हैं कि अयोध्या में इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया गया।
इस घटना के बाद आयोजकों की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मामला राजनीति और समाज के विभिन्न वर्गों में बयानों और विवादों का कारण बन चुका है।