Sambhal Jama Masjid Case: यूपी के संभल में स्थित जामा मस्जिद को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया है। इस हलफनामे में एएसआई ने मस्जिद कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दाखिल हलफनामे में एएसआई का कहना है कि 1920 से संरक्षित स्मारक जामा मस्जिद के निरीक्षण के दौरान मस्जिद कमेटी के सदस्य हमेशा बाधाएं खड़ी करते रहे हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
मस्जिद के स्वरूप में किए गए कई बदलाव
दरअसल, हलफनामे में एएसआई ने कहा कि मस्जिद के निरीक्षण के दौरान उन्हें अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और वे जिला प्रशासन की मदद से ही मस्जिद का निरीक्षण कर पाते हैं। एएसआई ने कहा कि 25 जून को मस्जिद के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मस्जिद के स्वरूप में कई बदलाव किए गए हैं, जिसके लिए मस्जिद कमेटी ने कोई मंजूरी नहीं ली। एएसआई के मुताबिक उन्होंने पहले भी मस्जिद कमेटी के इस रवैये के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
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रविवार को किया गया था सर्वे
बता दें कि रविवार को कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित मस्जिद में सर्वे शुरू किया गया था। इस दौरान लोगों ने जमकर पथराव किया। इस पथराव के कई सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि कई युवक पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। युवकों ने अपने मुंह को कपड़े से ढक रखा है, ताकि पुलिस उन्हें पहचान न सके। वीडियो में कई लोग हाथों में पत्थर लिए नजर आ रहे हैं। वे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर ये पत्थर फेंक रहे हैं। ये लोग एक के बाद एक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर लगातार ईंट, पत्थर और अन्य चीजें फेंकते नजर आ रहे हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। रविवार सुबह 7:30 बजे से ही इस पर सर्वे का काम चल रहा था। हिंदू पक्ष द्वारा कोर्ट में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया।
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