Baghpat News: यूपी के बागपत में एक विवादास्पद मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसे जैविक जिहाद के रूप में बताया जा रहा है। डिप्टी सीएमओ यशवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके ही विभाग के दो संविदाकर्मियों और लैब टेक्नीशियन ने उनके परिवार को टीबी (तपेदिक) के बलगम बैक्टीरिया देकर जान से मारने की साजिश रची है।
यह मामला तब सामने आया जब डिप्टी सीएमओ के पास एक ऑडियो क्लिप पहुंची, जिसमें आरोपी संविदाकर्मी यशवीर सिंह और उनके परिवार को जान से मारने की योजना बना रहे थे। इस ऑडियो क्लिप में टीबी के घातक बैक्टीरिया को पिलाने की बात की गई है। मामला जब तूल पकड़ने लगा, तो डिप्टी सीएमओ ने Baghpat पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
डिप्टी सीएमओ यशवीर सिंह, जो कि जिला क्षय रोग अधिकारी भी हैं, के अधीन कार्यरत दो संविदाकर्मी, मुशीर अहमद और जब्बार खान, इस साजिश के मुख्य आरोपी बताए जा रहे हैं। ये दोनों टीबी और एचआईवी जांच के लिए काम कर रहे थे। यशवीर सिंह के मुताबिक, इस साजिश के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
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इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने इसे जैविक जिहाद का नाम दिया है, जो हाल ही में बागपत में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पहले थूक जिहाद के मामले में भी बागपत सुर्खियों में रहा था, जब एक व्यक्ति ने थूक लगाकर रोटी बनाने का वीडियो वायरल किया था। उस मामले में आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
Baghpat पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम इस मामले की गहराई में जाकर जांच कर रही है। इस मामले की सच्चाई और साजिश के पीछे का कारण केवल जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा। स्थानीय निवासियों की चिंता इस बात को लेकर है कि क्या ऐसे कृत्य समाज में तनाव पैदा कर सकते हैं। बागपत के लोग इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।