Bahraich violence: बहराइच में हालिया हिंसा के बाद प्रशासन ने आरोपियों के घरों को गिराने की तैयारी शुरू कर दी है। महराजगंज क्षेत्र में 23 मकानों पर नोटिस चस्पा किया गया है और तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है, जिसके बाद बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि इन मकानों का निर्माण अवैध अतिक्रमण के तहत किया गया है, और इनमें मुख्य आरोपी सरफराज का घर भी शामिल है, जिसने रामगोपाल मिश्रा की हत्या की थी। गुरुवार को हुई एनकाउंटर में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, और अब उनकी संपत्तियों पर कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है। इस कदम से महराजगंज क्षेत्र में भय का माहौल है, जहां लोग प्रशासन की सख्ती को लेकर चिंतित हैं।
बहराइच में हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को नेपाल बॉर्डर पर हुए एनकाउंटर में मुख्य आरोपी मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालीम को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों आरोपी रामगोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में फरार थे। प्रशासन ने अब महराजगंज क्षेत्र में 23 मकानों पर लाल निशान लगाकर तीन दिन का अल्टीमेटम जारी किया है।
अधिकारियों के अनुसार, जिन मकानों पर कार्रवाई की जा रही है, वे सभी अवैध अतिक्रमण के तहत बनाए गए हैं। इनमें से 20 मकान मुस्लिम समुदाय के हैं, जबकि तीन हिंदू परिवारों के हैं। इन मकानों को खाली करने के लिए निर्देश जारी किया गया है, और यदि समय सीमा के भीतर घर खाली नहीं किए गए, तो बुलडोजर से कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य आरोपी सरफराज का घर भी इस कार्रवाई की जद में है। वह वही व्यक्ति है, जिसने जुलूस के दौरान रामगोपाल मिश्रा को अगवा कर 35 गोलियां मारकर उनकी हत्या की थी। प्रशासन ने एनकाउंटर के बाद आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने का भी ऐलान किया है।
महामराजगंज में अतिक्रमण के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। अब प्रशासन ने हिंसा के बाद तुरंत बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव और भय का माहौल पैदा हो गया है।
हालांकि, मृतक रामगोपाल की पत्नी रोली मिश्रा ने इस एनकाउंटर को फर्जी बताया है और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि केवल गोली मारने से काम नहीं चलेगा, उन्हें खून का बदला खून से चाहिए।