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उत्तर प्रदेश अभ्यारण्य में तेंदुआ पिंजरे में, गांव वालों को मिली राहत

Bahraich

Bahraich: गुरुवार को खबर आई कि हाल ही में इंसानों को नुकसान पहुंचाने वाली एक मादा तेंदुआ को कतर्नियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य की सुजौली रेंज से वन विभाग ने पिंजरे में कैद किया है। ललिता वर्मा, जो दुधवा टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर हैं, ने बताया कि “तेंदुआ बुधवार शाम को पिंजरे में फंस गया था। उसे मेडिकल जांच के लिए सुजौली रेंज कार्यालय लाया गया है। यह मादा तेंदुआ लगभग तीन से चार साल की है।”

जल्द जंगल छोड़ेगी तेंदुआ

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ललिता वर्मा (Bahraich) ने यह भी बताया कि तेंदुआ का स्वास्थ्य ठीक है और चंद दिनों में उसे ट्रांस-गेरुआ के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा। 29 सितंबर की रात को एक और तेंदुआ को भी बचाया गया था। अधिकारियों का दावा है कि इनमें से कोई भी मानवभक्षी नहीं है। ट्रांस-गेरुआ जंगलों में छोड़ने से यह फायदा होगा कि तेंदुआ नदी पार कर वापस शहरी इलाकों में नहीं आ सकेगा।

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मानसून में जंगल छोड़कर शहर आते हैं जानवर

फील्ड डायरेक्टर ने कहा कि “प्राकृतिक आवास बाढ़ से जलमग्न हो जाते हैं, जिस कारण ये जानवर पास के गन्ने के खेत वाले गांवों में घुस जाते हैं। मानसून अब खत्म हो रहा है, तो ये जानवर भी वापस चले जाएंगे।” उनका यह भी कहना है कि सभी गांववालों को जब तक गन्ने की फसल नहीं कटती, तब तक सतर्क रहना होगा और समूह में निकलना बेहतर होगा।

तेंदुआ के हमलों के मामले

26 सितंबर को धर्मपुर के जंगल में 35 वर्षीय मधुसूदन और 13 वर्षीय साहिबा को तेंदुओं ने घायल कर दिया था। इसके बाद 29 सितंबर को ककहरा नामक इलाके में 40 वर्षीय कंधई पर भी तेंदुआ ने हमला किया था। 1 अक्टूबर को अयोध्यापुरा गांव में 63 वर्षीय रहमान पर भी तेंदुआ ने हमला किया।

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