Noshki attack: बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। हाल के दिनों में हुए दो बड़े हमलों ने क्षेत्र की अस्थिरता को और बढ़ा दिया है। पहला हमला जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुआ था, जिसे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हाईजैक कर लिया था। इस घटना में पाकिस्तानी सेना और बीएलए के बीच 30 घंटे से अधिक समय तक संघर्ष चला, जिसमें कई लोगों की जान गई। इसी बीच, अब Noshki में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर एक और बड़ा हमला हुआ है, जिसकी जिम्मेदारी भी बीएलए ने ली है।
#BREAKING: 12 Pak soldiers killed and over 26 injured as Pakistani FC forces bus comes under attack followed by heavy gunfire in the Rakshani Mill area of Regional Corporate Development N-40 highway in Noshki, Balochistan. Ambulances and choppers were seen rushing to the spot. pic.twitter.com/ZOqsh1PFzG
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 16, 2025
Noshki में हुआ यह हमला 15 मार्च 2025 को सामने आया। “द बलूचिस्तान पोस्ट” और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह हमला आरसीडी हाईवे पर रसखान मिल के पास हुआ। हमले की शुरुआत कई सिलसिलेवार धमाकों से हुई, जिसके बाद भारी गोलीबारी की गई। बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने दावा किया कि उनकी फिदायी इकाई मजीद ब्रिगेड ने इस हमले को अंजाम दिया। उनके अनुसार, इस हमले का निशाना सेना का एक काफिला था, जिसमें आठ बसें शामिल थीं। बीएलए ने कहा कि एक बस पूरी तरह नष्ट हो गई और हमले में 90 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। हालांकि, पाकिस्तानी सेना या सरकार की ओर से इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर कई एंबुलेंस और सुरक्षा बलों को रवाना होते देखा गया। नोशकी और आसपास के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है, जो इस बात का संकेत है कि हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है। यह हमला जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग की घटना के कुछ ही दिनों बाद हुआ है, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने 33 हमलावरों को मारने और 300 से अधिक यात्रियों को बचाने का दावा किया था। उस घटना में 26 बंधकों की मौत हुई थी, जिनमें 18 सैनिक शामिल थे।
पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इन हमलों के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताया है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि बीएलए को अफगानिस्तान में मौजूद हैंडलर्स से निर्देश मिल रहे हैं और भारत इसका मुख्य प्रायोजक है। हालांकि, भारत और अफगानिस्तान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का कहना है कि वे अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं और उनके हमले पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ प्रतिरोध का हिस्सा हैं। यह ताजा हमला बलूचिस्तान में बढ़ते सुरक्षा संकट और राजनीतिक अस्थिरता को और उजागर कर रहा है।