Banaras bulldozer action: बनारस के दालमंडी क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। बाबा विश्वनाथ धाम तक भक्तों के लिए सुगम मार्ग तैयार करने की दिशा में प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी के तहत करीब 650 मीटर लंबी और 17 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए 146 भवनों को चिह्नित किया गया है, जिन पर जल्द ही बुलडोजर चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चल रहे इस प्रोजेक्ट के लिए 220 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ है। मकानों की लंबाई-चौड़ाई मापने का काम शुरू हो चुका है और मुआवजे की प्रक्रिया भी तैयार की जा रही है।
दालमंडी इलाके में चल रहा चिह्नीकरण और सर्वे
Banaras प्रशासन ने दालमंडी की संकरी गलियों को चौड़ा करने के लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। सोमवार शाम तक 74 भवनों को चिह्नित किया जा चुका था, जबकि मंगलवार तक 96 मकानों का काम पूरा होने की उम्मीद है। टीम हर भवन का क्षेत्रफल नापकर मुआवजे की दर तय कर रही है। एक विस्तृत रजिस्टर में भवनों की जानकारी दर्ज की जा रही है।
650 मीटर की सड़क से बदलेगा यातायात का नक्शा
दालमंडी से चौक थाने तक बनने वाली यह सड़क न सिर्फ विश्वनाथ धाम का वैकल्पिक रास्ता बनेगी, बल्कि पुराने शहर की भीड़भाड़ को भी नियंत्रित करेगी। यह क्षेत्र बनारस की इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल एक्सेसरीज़ की होलसेल मंडी के रूप में जाना जाता है। सड़क चौड़ीकरण से व्यापारिक गतिविधियों में भी सुधार की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री की निगरानी में तेज़ी से काम
यह पूरा Banaras प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में चल रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के आखिरी दिन इस योजना के लिए 220 करोड़ का बजट पास किया गया, जिसमें से दो करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं। मुआवजे के बाद भवनों को गिराने और समतलीकरण का काम शुरू किया जाएगा। लक्ष्य है कि 2027 तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाए।
इस परियोजना से बनारस की तंग गलियों को राहत मिलेगी और भक्तों के लिए नया रास्ता एक बड़ी सुविधा साबित होगा।