Kanpur News: बांग्लादेश से लगातार चल रही तनातनी का सौधा असर कारोबार पर पड़ रहा है। पड़ोसी देश में बिगड़ रहे माहौल से अकेले कानपुर के ही 1000 करोड़ रुपये दांव पर हैं। बांग्लादेश शहर के लिए बड़ा बाजार है। इससे यहां के कारोबारी भी सहमे हैं। बांग्लादेश में रोज आंदोलन व हिंसक घटनाओं से दोनों देशों के बीच सालों से जारी व्यापारिक रिश्ते भी अछूते नहीं है।
लगातार बिगड़ रहे माहौल के बावजूद अभी तक कानपुर से कई उत्पाद बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं। पिछले दिनों से तेज हुई गतिविधियों व शहर में बढ़ती नाराजगी के कारण निर्यातक भी सहमे हैं। कानपुर से Engineering, Electric, Agriculture, Leather, Meat, Dairy, Readymade Garment, Plastic समेत एक दर्जन से अधिक उत्पाद बांग्लादेश भेजे जाते हैं। इनका सालाना कारोबार लगभग एक हजार करोड़ रुपये है।
हालात देखते हुए नए ऑर्डर फिलहाल किए होल्ड
मौजूदा माहौल को भांपते हुए कानपुर के कारोबारी नए ऑर्डर लेने से भी कतरा रहे है। माहौल पहले की तरह सामान्य होने तक इन्हें होल्ड पर रखा गया है। कारोबारियों का मानना है कि तनाव बढ़ने से भेजे गए माल को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में नए ऑर्डर अभी होल्ड पर रखना ही बेहतर है। वहीं बांग्लादेश के कारोबारियों का भी यही रुख है। उधर से भी माहौल सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है। माहौल सही होते ही कारोबार फिर रफ्तार पकड़ लेगा।
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मौजूदा हालात पर क्या कहते हैं कारोबारी
फियो के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि बांग्लोदश कानपुर के लिए बड़ा बाजार है। एक दर्जन से अधिक उत्पाद वहा निर्यात होते है। बिगड़ रहे माहौल से सालाना एक हजार करोड़ दांव पर है। हालांकि अभी कारोबार जारी है लेकिन सभी आशंकित हैं। कुछ माह पहले भी तनातनी से कारोबार काफी डाउन हुआ था। प्लास्टिक पैकेजिंग कारोबारी मनोज शुक्ला का कहना है कि बांग्लादेश से अच्छा कारोबार मिलता है। प्लास्टिक पैकेजिंग की अच्छी आपूर्ति कानपुर से होती है। वहां के माहौल का सीधा असर कारोबार पर पड़ रहा है। रास्ते में माल फंसने का डर है। नुकसान की आशंका के चलते नए ऑर्डर को होल्ड पर रखा है।
बांग्लादेश भेजे गए आर्डर रास्ते में ही रोके
मौजूदा हालात को देखते हुए कानपुर के निर्यातकों ने बांग्लादेश भेजे गए उत्पादों को रास्ते में ही रोक दिया है। बांग्लादेश भेजे जाने वाले उत्पाद सड़क मार्ग के जरिए ही भेजे जाते हैं। तनातनी और बिगड़े माहौल के कारण इनको भारतीय सीमा से सटे इलाकों व अलग-अलग स्थानों पर रोक दिया गया है।
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