BJP photo controversy: दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कार्यालय से डॉ. भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर हटाने को लेकर हंगामा मच गया। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे दलित विरोधी मानसिकता करार दिया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए।
AAP का आरोप और सदन में हंगामा
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल में हर सरकारी दफ्तर में आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अनिवार्य रूप से लगाई गई थीं, लेकिन अब बीजेपी सरकार उन्हें हटा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलने उनके दफ्तर पहुंचीं, तो उन्होंने पाया कि ये तस्वीरें हटा दी गई हैं। उन्होंने इसे बीजेपी की दलित विरोधी राजनीति करार दिया।
दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की फोटो हटाकर प्रधान मंत्री मोदी जी की फोटो लगा दी। ये सही नहीं है। इस से बाबा साहेब के करोड़ो अनुयायियों को ठेस पहुँची है।
मेरी बीजेपी से प्रार्थना है। आप प्रधान मंत्री जी की फोटो लगा लीजिए लेकिन बाबा साहिब की फोटो तो मत हटाइए। उनकी फोटो… https://t.co/k9A2HKFECV
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 24, 2025
इस मुद्दे पर विधानसभा में आप विधायकों ने जमकर हंगामा किया। स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन को राजनीतिक मंच नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आतिशी के व्यवहार की निंदा की।
अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी है, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने अपील की कि प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाई नहीं जानी चाहिए।
BJP का बचाव
BJP ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि कोई भी तस्वीर हटाने का इरादा नहीं था। पार्टी नेताओं ने स्पष्ट किया कि दफ्तर में कुछ व्यवस्थागत बदलाव किए गए हैं, लेकिन इसका राजनीतिक मकसद नहीं है।
इस पूरे विवाद से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। AAP ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है, जबकि बीजेपी इसे विपक्ष की साजिश करार दे रही है।