Kusuma Nain Death: कभी चंबल के बीहड़ों में खौफ का पर्याय रही कुख्यात डकैत कुसुमा नाइन का रविवार को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में निधन हो गया। उम्रकैद की सजा काट रही कुसुमा नाइन बीते दो महीने से टीबी की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। हालत बिगड़ने पर उसे पहले इटावा मेडिकल कॉलेज, फिर सैफई रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जेल प्रशासन के अनुसार, वह पिछले 20 वर्षों से इटावा जिला जेल में बंद थी।
समर्पण से जेल तक का सफर
Kusuma Nain चंबल के कुख्यात डकैत रामआसरे उर्फ फक्कड़ बाबा के गिरोह की अहम सदस्य थी। दोनों ने मिलकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 200 से अधिक संगीन अपराध किए थे, जिनमें हत्या, अपहरण, फिरौती और लूट शामिल थे। पुलिस ने फक्कड़ बाबा पर एक लाख और कुसुमा पर यूपी में 20 हजार और एमपी में 15 हजार रुपये का इनाम रखा था।
8 जून 2004 को कुसुमा नाइन और फक्कड़ बाबा ने अपने गिरोह के साथ मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था। समर्पण के दौरान गिरोह ने अमेरिका निर्मित अत्याधुनिक हथियार भी पुलिस को सौंपे थे।
2017 में मिली थी उम्रकैद
Kusuma Nain को 2017 में उपनिदेशक गृह हरदेव आदर्श शर्मा की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 1995 में डकैतों ने अफसर के बेटे से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। फिरौती न मिलने पर अफसर की हत्या कर दी गई थी और शव इटावा के सहसो थाना क्षेत्र में मिला था। इस मामले में मृतक के बेटे समेत नौ लोगों ने कोर्ट में गवाही दी, जिसके आधार पर कुसुमा और फक्कड़ बाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
अंतिम संस्कार के साथ खत्म हुआ एक युग
कुसुमा नाइन के निधन के बाद उसका पार्थिव शरीर जालौन जिले के टिकरी गांव ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। कभी चंबल के बीहड़ों में दहशत फैलाने वाली यह ‘दस्यु सुंदरी’ अब दुनिया से विदा हो चुकी है, लेकिन उसकी कहानी हमेशा चंबल के इतिहास का एक हिस्सा बनी रहेगी।