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टेंडर दिलवाने के नाम पर 62.75 लाख रुपये की ठगी, अलग अलग शहरेों से करते थे ठगी..जाने पूरा मामला

ghaziabad

Ghaziabad News: उत्तराखंड में टेंडर दिलवाने के नाम पर 62.75 लाख रुपये की ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। एक बिल्डर को 52 करोड़ रुपये के सरकारी टेंडर दिलवाने का झांसा देकर जालसाजों ने भारी रकम ऐंठ ली। खुद को उत्तराखंड सरकार का बड़ा अधिकारी बताने वाले ठगों ने बिल्डर को फर्जी वर्क ऑर्डर भी सौंप दिया, लेकिन जब उसने जांच करवाई, तो सारा खेल फर्जी निकला। इस ठगी के मामले में तीन लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, और गाजियाबाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।

क्या है पूरा मामला? 

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इस पूरे मामले की शुरुआत हरिद्वार में हुई, जहां हापुड़ के रहने वाले अक्षत त्यागी, जो प्राणाली इन्फोटेक प्रा. लि. नाम की कंपनी चलाते हैं, उनकी मुलाकात महेश माहरिया से हुई। महेश ने खुद को उत्तराखंड सरकार का बड़ा अधिकारी बताया और अक्षत को सरकारी टेंडर दिलवाने का वादा किया था। इसके बाद अक्षत की मुलाकात पीसी उपाध्याय और सौरभ वत्स से करवाई गई, जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने वाला बताया गया।तीनों ने अक्षत त्यागी को 26-26 करोड़ के दो बड़े टेंडर दिलवाने का दावा किया और इसके बदले 60 लाख रुपये की मांग की। इस तरह तीन बार में 62.75 लाख रुपये की रकम जालसाजों ने ठग ली।

वर्क ऑर्डर फर्जी 

उन्होंने अक्षत को बताया कि उनका टेंडर पास हो गया है और जल्द ही वर्क ऑर्डर मिल जाएगा, लेकिन जब काफी समय बीत गया और वर्क ऑर्डर नहीं मिला, तो अक्षत को शक हुआ। बाद में जांच में पता चला कि दिया गया वर्क ऑर्डर पूरी तरह से फर्जी था।

ठगों पर दबाव बने पर किया टालमटोल

अक्षत त्यागी ने जब ठगों पर दबाव बनाया, तो उन्होंने न सिर्फ फोन उठाना बंद कर दिया, बल्कि टालमटोल भी शुरू कर दी। अक्षत की शिकायत पर गाजियाबाद के कविनगर थाने में तीनों जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपियों ने कई राज्यों में इस तरह लोगों से ठगी की है

 

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