15 अक्टूबर को SC की 3 सदस्यीय बेंच करेगी सुनवाई
LUCKNOW : यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश के साथ जस्टिस JB पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी बेंच में शामिल रहेंगे। गौरतलब है कि इस मामले में लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त को सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में दोबारा से लिस्ट जारी करने के निर्देश दिए थे। चयनित शिक्षकों ने हाईकोर्ट बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
तीन अभ्यर्थी पहुंचे सर्वोच्च अदालत
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी शामिल हो गया है. जनरल वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित उम्मीदवार ने इस मामले में लखनऊ की हाईकोर्ट डबल बेंच के फ़ैसले को चुनौती दी है। लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त को सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में दोबारा से लिस्ट जारी करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के इस इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई गई थी।
इन गड़बड़ी के आरोप
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 69 हज़ार शिक्षकों की भर्ती से जुड़ा ये मामला लंबे समय से चल रहा है। इस मामले में कई तरह की गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया है। आरोपों को लेकर अभ्यर्थी कई बार सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
आरक्षण में हेराफेरी का दावा
इस परीक्षा के अभ्यर्थियों ने आरक्षण को लेकर अनियमितता का आरोप लगाया गया है। उनका कहना है कि ओबीसी को 27 फ़ीसदी आरक्षण मिलना चाहिए था, मगर सिर्फ़ 3.86 फ़ीसदी दिया गया है। उधर, एससी कैटेगरी को 21 फ़ीसदी आरक्षण मिलना चाहिए था, मगर उन्हें सिर्फ़ 16.6 फ़ीसदी ही मिला है।
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विपक्षियों ने सरकार को घेरा
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने जहां इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी, वहीं कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच के इस फैसले से नाराज जनरल कैटेगिरी के कुछ अभ्यर्थियों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। उधर, इस मामले में विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि यह भर्ती बीजेपी के घोटाले, धोखाधड़ी, और भ्रष्टाचार की शिकार हुई है। कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है।