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Tuesday, April 15, 2025
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शी जिनपिंग के वियतनाम दौरे से अमेरिका परेशान, ट्रंप ने जताई गहरी चिंता

China US tension: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दक्षिण-पूर्व एशिया दौरे ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। इस दौरे के तहत जिनपिंग वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया का दौरा कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने वियतनाम की राजधानी हनोई में दस्तक दी, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। शी ने वियतनाम के कम्युनिस्ट पार्टी प्रमुख टो लैम से मुलाकात कर 45 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें सप्लाई चेन, रेल नेटवर्क और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने वाले समझौते प्रमुख हैं। इस पहल से चीन ने अमेरिका के खिलाफ अपना रणनीतिक दांव खेल दिया है।

जिनपिंग ने अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ को “एकतरफा बदमाशी” बताया और वियतनाम से मिलकर इसका विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि चीन का विशाल बाजार वियतनाम के लिए हमेशा खुला रहेगा। इस साझेदारी से अमेरिका के आर्थिक हितों को सीधा झटका लगा है क्योंकि वियतनाम अमेरिका के लिए एक बड़ा निर्यातक है। 2022 में वियतनाम से अमेरिका को 127.5 अरब डॉलर का सामान निर्यात हुआ था, जिसमें जूते, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटनाक्रम को अमेरिका के खिलाफ साजिश बताया। उन्होंने कहा कि हनोई में हुई बैठक अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा है। हालांकि ट्रंप ने किसी देश को सीधे दोष नहीं दिया, लेकिन उन्होंने शी जिनपिंग की इस कूटनीतिक पहल को लेकर नाराजगी जाहिर की। ट्रंप का मानना है कि चीन दक्षिण-पूर्व एशिया में अमेरिका की पकड़ कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।

वियतनाम पहले ही अमेरिका से टैरिफ कम करने की अपील कर चुका है, लेकिन शी जिनपिंग की सक्रियता ने उसे चीन के करीब ला दिया है। इस साझेदारी से अमेरिका को भू-रणनीतिक और आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है। शी जिनपिंग की अगली यात्राएं मलेशिया और कंबोडिया के लिए निर्धारित हैं, जिससे दक्षिण-पूर्व एशिया में चीन की पकड़ और मजबूत हो सकती है।

इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि चीन अब अमेरिका के हर कदम का जवाब कूटनीति और व्यापार के जरिए दे रहा है, और यह लड़ाई सिर्फ शुल्क या प्रतिबंधों तक सीमित नहीं रहने वाली।

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