China Japan Dispute: ताइवान को लेकर बढ़ते विवाद के बीच चीन ने जापान को कड़ी चेतावनी दी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने टोक्यो पर ताइवान को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर जापान नहीं सुधरा तो उसे हिरोशिमा-नागासाकी से भी अधिक दर्द झेलना पड़ सकता है। उन्होंने साफ किया कि ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है और इस मामले में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जापान पर ताइवान को भड़काने का आरोप
वांग यी ने कहा कि जापान ताइवान को चीन के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहा है और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हिरोशिमा और नागासाकी के हमलों को याद रखना चाहिए और अगर टोक्यो अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता तो उसे और अधिक गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
चीन पहले भी जापान पर इस तरह के आरोप लगा चुका है। कुछ महीनों पहले बीजिंग ने जापानी सीमा में अपने लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजे थे, जिससे टोक्यो सतर्क हो गया था। इसके अलावा, चीन और ताइवान की नौसेनाओं के बीच झड़पें भी हुई हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
गाजा संकट पर चीन का रुख
China ने गाजा में शांति बहाली को लेकर मिस्र और अन्य अरब देशों की पहल का समर्थन किया है। वांग यी ने कहा कि गाजा को बलपूर्वक हथियाने से शांति स्थापित नहीं होगी, बल्कि इससे और अधिक अराजकता फैलेगी। उन्होंने दो-राज्य समाधान का समर्थन करते हुए फिलिस्तीन के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की मांग की।
चीनी विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए गंभीर प्रयास करें। चीन मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और फिलिस्तीनियों के अधिकारों का समर्थन करता रहेगा।
क्या बढ़ेगा चीन-जापान का टकराव?
China की इस धमकी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जापान क्या प्रतिक्रिया देता है। अमेरिका पहले ही ताइवान को समर्थन दे रहा है, जिससे चीन और अधिक आक्रामक होता जा रहा है। ताइवान ने हाल ही में अमेरिका से हथियार खरीदने का फैसला किया है, जिससे बीजिंग और टोक्यो के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
अब यह देखना होगा कि यह विवाद कूटनीतिक वार्ता से सुलझेगा या किसी बड़े संघर्ष का रूप लेगा।