CM Yogi on Bengal violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और भांगड़ में हाल ही में भड़की हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि दंगाई अब बातों से नहीं, बल्कि डंडे से ही समझेंगे। सीएम योगी ने यह टिप्पणी हरदोई में एक जनसभा के दौरान की, जहां उन्होंने 650 करोड़ रुपये की लागत की 729 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री योगी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि बंगाल जल रहा है, लेकिन वहां की सरकार चुप है। “दंगाइयों को शांतिदूत बताकर बचाने की कोशिश की जा रही है। सेक्युलरिज्म की आड़ में कानून और व्यवस्था को ठेंगा दिखाया जा रहा है,” योगी ने कहा।
BIG YOGI STATEMENT: Bengal is burning. WB CM calls rioters "envoys of peace". "Arrey, लातों के भूत बातों से नही मानेंगे" – rioters only heed the language of the laathi." But
In name of Secularism rioters have been given a free pass. Murshidabad is aflame. Those who like… pic.twitter.com/gD1m7sEQ08— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) April 15, 2025
CM Yogi ने यह भी कहा कि यदि किसी को बांग्लादेश ज्यादा पसंद है तो वह वहीं चला जाए, भारत की धरती पर बोझ न बने। सीएम योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी सवाल उठाए कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ लोग पीड़ित हैं और दूसरी ओर राजनीतिक दल चुप्पी साधे बैठे हैं।
CM Yogi ने बंगाल में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश से वहां केंद्रीय बलों की तैनाती एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पीड़ित हिंदू परिवारों की मदद के लिए सभी को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
बंगाल में हुई इस हिंसा की शुरुआत वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन से हुई थी, जो देखते ही देखते बेकाबू हो गया। मुर्शिदाबाद जिले में दुकानों में लूटपाट, फार्मेसियों में तोड़फोड़ और वाहनों को आग के हवाले करने जैसी घटनाएं सामने आईं। इसके बाद इलाके में डर और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
रविवार को हालात इतने बिगड़ गए कि सड़कें सुनसान रहीं और अधिकांश दुकानें बंद कर दी गईं। लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना तक छोड़ दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, सैकड़ों लोग सुरक्षा के लिए नदी पार कर मालदा जिले में शरण लेने पर मजबूर हो गए।
प्रशासन का कहना है कि अब स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल अभी भी बना हुआ है।