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Saturday, December 21, 2024
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Etawah में सपा पर जमकर बरसे CM Yogi, कहा- ‘अब सैफई के नाम से डर नहीं लगता’

Etawah : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) बुधवार को सैफई (Saifai) पहुंचे। जहां वह सैफई मेडिकल कॉलेज (Saifai Medical College) के ऑडिटोरियम के मंच पर पहुंचे तो तालियां बजाकर उनका लोगों ने स्वागत किया। कुलपति प्रोफेसर/डॉक्टर प्रभात कुमार ने अस्पताल की उपलब्धियां बताई। इस दौरान मंच पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, चिकित्सा राज्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, सांसद राम शंकर कठेरिया, विधायक सरिता भदौरिया मौजूद हैं।

सीएम योगी ने मुलायम सिंह यादव को सैफई में मेडिकल कॉलेज बनवाने के लिए याद किया। उन्होंने कहा कि उनके इस विश्विद्यालय को बनवाने की वजह से पूरे भारत के छात्र यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले इटावा के नाम से लोग डरते थे। अब यहां देश के युवा तैयार हो रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की कानाफूसी करने की आदत रही है।

हर जिले में एडवांस लाइफ सपोर्ट की 4-5 गाड़ियां

कहा अब अपना और पराया नहीं होता। अब सबके लिए काम होता है। मोदी जी के सबका विकास के उद्देश्य के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए रुपये की कमी नहीं। 108 और 102 के रिस्पॉन्स टाइम को कम किया है। हर जनपद में एडवांस लाइफ सपोर्ट की चार से पांच गाड़ियां हैं। जहां पहले पूरे प्रदेश में छह-सात कार्डिक की गाड़ियां थीं। अब सभी जनपद में हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार कोई भेदभाव नहीं करती।

पिछली सरकारें सिर्फ नारियल फोड़कर करती थीं शुभारंभ, नहीं देती थीं फंड

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार नारियल फोड़कर शुभारंभ तो कर देते थे, लेकिन बजट नहीं देते थे। मेडिकल कॉलेज को टोकन मनी के नाम पर एक लाख रुपये दिए जाते थे। सपा का बिना नाम लिए तंज कसा कि आज नियुक्ति पत्र पाने वालों के चहरे पर शिकन नहीं थी। अब इटावा और सैफई के नाम से डर नहीं लगता। 1996 का जिक्र करते हुए कहा कि वह जयपुर से आगरा रात में पहुंचे थे। वहां से कानपुर जाने के लिए पुलिस वालों ने मना कर दिया कि रात में न जाएं, इटावा पड़ेगा। अब ऐसा डर नहीं है।

सपा सरकार में हुआ था सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने का फैसला

सपा सरकार में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के तहत साल 2014 में 500 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया था। उस समय इसकी लागत 333.56 करोड़ थी, जो 2016 में बढ़कर 463.28 करोड़ रुपए हो गई। साल 2018 में इस प्रोजेक्ट की लागत 537.26 करोड़ रुपए बढ़कर हो गई।

यह काफी अधिक थी। बाद में इसकी लागत को कम करने के लिए 25 मार्च 2019 को शासन स्तर पर एक समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रोजेक्ट का फिर परीक्षण किया। इसके बाद परियोजना की लागत घटकर 489.88 करोड़ रह गई। इसके बाद 2021 फिर अप्रैल 2023 और मई 2023 में बजट जारी किया गया।

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