Prabhat Pandey: यूपी कांग्रेस ने बुधवार को राज्य विधानसभा का घेराव करने की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को नोटिस भेजा है। इस मामले में अजय राय का कहना है कि उन्हें अभी तक ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है। हालांकि, उन्होंने जांच में सहयोग का आश्वासन दिया है। पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी ने पीटीआई को बताया कि अजय राय को भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों के तहत जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया है। आपको बता दें कि प्रभात पांडे गोरखपुर के रहने वाले थे। वह लखनऊ में अपने चाचा के साथ रह रहे थे।
स्थानीय लोगों ने लगाया बड़ा आरोप
बता दें कि, प्रभात का अंतिम संस्कार गुरुवार को किया गया। जब अजय राय उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया। वहीं, राय का दावा है कि प्रभात की मौत पुलिस की बर्बरता के कारण हुई है। उन्हें मृत अवस्था में कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल लाया गया था।
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प्रभात के शरीर पर मिले चोट के निशान
इस मामले में रवीना त्यागी ने पहले बताया था कि प्रभात को बेहोशी की हालत में कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल लाया गया था। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रभात के चाचा ने कहा कि बेहोश होने के बाद उनके भतीजे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए था। अगर पार्टी के लोग ध्यान देते तो भतीजे की जान बच सकती थी। बुधवार को कांग्रेस कार्यालय से फोन आया। उन्हें बताया गया कि उनका भतीजा बेहोश पड़ा है। फोन करने वाले ने उन्हें कार्यालय आने को कहा था।
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