Kanpur Dengue Case: कानपुर में धीरे-धीरे डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे अब इन मरीजों की संख्या 300 के पार पहुंच चुकी है। रविवार की बात करें तो 7 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही अब शहर में डेंगू के कुल 301 मरीज हो गए हैं। जबकि रोज 200 के करीब सैंपलिंग कराई जा रही है। सरकारी और प्राइवेट दोनों जगहों की बात करें तो ये आंकड़ा अभी और ऊपर तक जाएगा। हालांकि नोडल अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से मरीजों की संख्या में कुछ गिरावट आई है, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ा पूरा मामला।
पिछले हफ्ते आए 20 नये केस
डॉ. आरपी सिंह के मुताबिक 21 से 27 अक्टूबर के बीच 20 केस सामने आए थे। इसके अगले हफ्ते 28 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच 26 केस आए थे। इसके बाद 4 से 10 नवंबर के बीच 20 केस आए थे। इससे ये राहत है कि केस में गिरावट आ रही है। अभी तक डेंगू मरीजों की संख्या एक या दो निकल रही थी, लेकिन रविवार की बात करें तो शहर में 7 डेंगू मरीज निकले थे। इससे पहले 7 अक्टूबर को 6 मरीज मिले थे। इसके अलावा अन्य दिनों एक ये दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
15 प्रतिशत मरीजों में डेंगू के लक्षण
कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि इन दिनों हैलट अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 10 से 15 प्रतिशत मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनमें डेंगू के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में रोजाना करीब 50 से 60 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इनमें से 2 या 3 लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही हैं। इसके अलावा कुछ मरीज ऐसे भी आ रहे हैं, जिनको बुखार काफी तेज रहता है। ऐसे मरीजों को भर्ती भी करना पड़ा रहा है, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम रहती है।
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80 प्रतिशत मरीज 20 से 50 साल वाले
डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि जितने भी मरीज आ रहे हैं। उनमें से 80 प्रतिशत मरीजों की उम्र 20 से 50 साल की होती है। ऐसे लोग जिनका ज्यादा बाहर का मूमेंट रहता है, उनमें डेंगू का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि डेंगू का मच्छर अधिकतर दिन में ही काटता है। जहां पर खुली नालियां, नाला या गंदा पानी भरा होता है, वहां पर इन मच्छरों की संख्या अधिक होती है। डॉ. प्रियदर्शी के मुताबिक जिन लोगों में बीपी, शुगर, किडनी, लीवर, कैंसर जैसी बीमारी होती है। उनमें ये वायरस तेजी से अटैक करता है, जब शारीरिक क्षमता कम होगी तो हर वायरस शरीर में तेजी से अटैक करेगा।
बुखार ठीक होने में लग रहा 10 दिन का समय
यदि किसी में डेंगू पॉजिटिव आया है तो ऐसे मरीजों में पूरी तरह से बुखार ठीक होने में 10 दिन का समय लग रहा है। यदि इस बीच प्लेटलेट्स और कम हुई तो मरीज को खून की उल्टी, पेशाब से खून आना भी कभी-कभी शुरू हो जाता है। मरीजों की संख्या को देखते हुए हैलट अस्पताल में 40 बेड संरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा उर्सला अस्पताल में भी करीब 30 बेड डेंगू मरीजों के लिए अलग किए गए है। वहीं, काशीराम अस्पताल 20 बेड का एक बार्ड डेंगू मरीजों के लिए बनाया गया है। यहां पर अन्य मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा।
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