मोहसिन खान
बदायूंः-बदायूं में 23 मई 2018 को कोर्ट से वापिस लौटते वक्त की गई डीजीसी साधना शर्मा की हत्या के मामले मे एक नया मोड़ आ गया है, इस मामले में एडीजी बरेली के आदेश पर उझानी थाने में 12 इंस्पेक्टर के खिलाफ़ केस दर्ज हो गया है। दरअसल डीजीसी साधना शर्मा मर्डर केस में आरोप था कि थाने में मालखाने में जमा सुबूतों के साथ प्रभार पर रहने वाले इंस्पेक्टरों ने छेड़खानी की, इस मामले में डीजीसी साधना शर्मा की एडवोकेट बहन विर्पणा गौड़ ने सबसे पहले एसएसपी बदायूं से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई ना होने पर उसने एडीजी बरेली और आईजी के यहां पर शिकायत की, जिसमें जांच के बाद 12 थाना प्रभारियों के खिलाफ़ केस दर्ज हो कर लिया गया।
इन इंस्पेक्टरों पर ये है आरोप
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इंस्पेक्टर मनोज कुमार, यतेन्द्र भारद्वाज, संजय गोयल, इंस्पेक्टर राजीव शर्मा, राजीव कुमार, विनोद कुमार, इंस्पेक्टर ओमकार सिंह, विशाल प्रताप सिंह, अजय चाहर, इंस्पेक्टर बिजेन्द्र सिंह, हरपाल बालियान, शैलेन्द्र कुमार, हैड मोहर्रर अर्जुन सिंह, संतोष, पंकज, अनुज कुमार पर आरोप है कि इन्होंने मालखाने में जमा सुबूतों के साथ छेड़छाड़ की। दरअसल पुलिस ने कोर्ट में ऐसे नोट जमा कराए, जो कि उस वक्त चलन में ही नहीं थे, इसके अलावा कई अहम् साक्ष्यों के साथ भी छेडछाड की गई, डीजीसी साधना शर्मा को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी जंग लड रही उनकी एडवोकेट बहन विपर्णा गौड़ ने एडीजी से शिकायत की थी, जिसके बाद हुई जांच में दोषी पाए इंस्पेक्टरों के खिलाफ उझानी थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
क्या था डीजीसी साधना शर्मा मर्डर केस
आपको बता दें कि डीजीसी साधना शर्मा से शादी शुदा भाजपा नेता पीसी शर्मा के प्रेम संबध थे और साधना शर्मा से बीजेपी नेता पीसी शर्मा ने करीब 40 लाख रूपए उधार लिए थे, कुछ समय बाद साधना शर्मा ने पैसे वापिस मांगने शुरू किए और वारदात वाले दिन साधना शर्मा उधार दिए 40 लाख लेने के लिए कोर्ट से स्कूटी से निकली और रास्ते में तेज़ रफ्तार कार ने उनको टक्कर मार दी थी और हत्या का आरोप भाजपा नेता पीसी शर्मा के उपर लगा था, पुलिस ने पीसी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। बता दें कि पीसी भाजपा नेता पीसी शर्मा डीजीसी साधना शर्मा मर्डर केस में बहराइच जेल में बंद है।