Dharmatma Nishad suicide case: निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या का मामला अब एक नया मोड़ ले चुका है। धर्मात्मा की मौत के बाद उनके भाई पर्मात्मा निषाद की तहरीर पर FIR दर्ज की गई, जिसमें केवल जयप्रकाश निषाद का नाम शामिल किया गया है, जबकि मंत्री संजय निषाद और उनके बेटों प्रवीण और श्रवण का नाम FIR से गायब है। तहरीर में Dharmatma Nishad ने अपनी मौत का जिम्मेदार संजय निषाद, उनके बेटों और जयप्रकाश निषाद को ठहराया था, लेकिन एफआईआर में इन नामों का न होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। इस स्थिति ने मामले में नए आरोपों और साजिश की संभावना को जन्म दिया है।
Dharmatma Nishad ने आत्महत्या से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उसने अपने करीबी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था। धर्मात्मा की मौत के बाद यह आरोप और भी गंभीर हो गए, जब जयप्रकाश निषाद की पत्नी मंजू ने खुलासा किया कि उनके पति ने संजय निषाद के कहने पर उनकी हत्या करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, “जो अपनी पत्नी का नहीं हुआ, वो धर्मात्मा का क्या होगा।” यह आरोप मामले को और उलझा रहा है और यह सवाल उठ रहा है कि क्या राजनीति के दबाव के कारण मामले की जांच प्रभावित हो रही है।
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अब, FIR में तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जबकि धर्मात्मा की फेसबुक पोस्ट को आत्महत्या का कारण माना गया था। सवाल यह उठता है कि यदि फेसबुक पोस्ट को आत्महत्या का आधार माना गया, तो संजय निषाद और उनके बेटों के नाम क्यों गायब हैं? यह सवाल अब राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है।
संजय निषाद ने इन आरोपों को नकारते हुए इसे एक साजिश बताया है। उन्होंने कहा, “यह सब झूठ और भ्रामक आरोप हैं। मैं इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं।” धर्मात्मा निषाद की मौत ने पूरे निषाद समाज और क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है। अब सभी की नजरें इस पर हैं कि क्या सच्चाई सामने आएगी और क्या मामले की निष्पक्ष जांच होगी।
इस दुखद घटना ने परिवार, दोस्तों और राजनीतिक हलकों में चिंता का माहौल बना दिया है। जांच की प्रक्रिया जारी है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस दुखद घटना की पूरी सच्चाई सामने आएगी।