Jhansi Solar Energy Hub: वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश में मई-जून का महीना आते ही शहर तपने लगते हैं, लेकिन यहां के झांसी शहर में फरवरी के अंत से ही गर्मी की शुरुआत हो जाती है, जो सितंबर महीने के अंत तक रहती है। यहां पर दिन में चिलचिलाती धूप लोगों को खूब परेशान करती है। मई-जून में हालात ये हो जाते हैं कि प्रदेश में नहीं, बल्कि देश में सबसे ज्यादा गर्म रहने वाले शहरों में झांसी टॉप पर पहुंच जाता है। आपको बता दें कि ठंड के महीनों में भी यहां खूब धूप खिलती है।
अब यही धूप क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका अदा करने जा रही है। सोलर एनर्जी के उत्पादन की दृष्टि से यहां की धूप और वातावरण को एकदम उपयुक्त पाया गया है। यही वजह है कि यहां अब तक 5 सोलर एनर्जी के प्लांट स्थापित हो चुके हैं और इनसे भरपूर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
तपिश साबित हो रही वरदान
झांसी आने वाले समय में सौर एनर्जी का हब बनने जा रहा है। यहां पड़ने वाली सूर्य की भीषण तपिश जो लोगों को जीना हराम करती थी वह अब वरदान साबित होगी। बड़ी-बड़ी कंपनियां इस तपिश से बिजली का उत्पादन करेंगी और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
यहां 5 प्लांटों से रोजाना 360 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है। आने वाले समय में 22 कंपनियां और आएंगी। जो अपने प्लांट स्थापित करके बड़ी मात्रा में बिजली बनाएंगी। जिसको लेकर कंपनियों और सरकार के बीच करार भी हो चुका है। अब इनके लिए जमीन तलाशी जा रही है।
अभी 5 प्लांट लगे, जल्द ही 22 और लगेंगे
झांसी में ईशारोज एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में 15 मेगावाट, फोर्थ पार्टनर कंपनी के प्लांट में 110 मेगावाट, सनसोर्स कंपनी के प्लांट में 135 मेगावाट, अडाणी ग्रुप की कंपनी के प्लांट में 50 मेगावाट व माहेश्वरी माइनिंग एंड एनर्जी लिमिटेड के प्लांट में 50 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है।
इसके अलावा 22 और कंपनियां यहां अपने सोलर पावर प्लांट स्थापित करने जा रही है। जो यहां 3000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेंगी। इन सभी कंपनियों का सरकार से करार हो गया है। कंपनियों की ओर से प्लांटों की स्थापना के लिए जमीन लेने की प्रक्रिया भी जारी है।
झांसी में धूप का रेडिएशन देश में सबसे बेहतर है। हालांकि, यह स्थिति राजस्थान के कुछ इलाकों में भी है, परंतु वहां निरंतर धूल भरी आंधियां चलती रहती हैं, जिससे सोलर प्लेटों के रखरखाव पर ज्यादा ध्यान देना पड़ जाता है। जबकि, झांसी में यह स्थिति नहीं है। यही वजह है कि सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए यहां एक के बाद एक कंपनियां आगे आ रही हैं।
– मनीष चौधरी, उपायुक्त उद्योग झांसी
ग्रामीणों से लीज पर ली जा रही है जमीन
सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए कंपनियों द्वारा ग्रामीणों से उनकी जमीन किराए पर ली जा रही है। इसके लिए कंपनियां किसानों से सीधे भी संपर्क कर लेती हैं। किसानों को उनकी जमीन का सालाना किराया प्रति एकड़ की दर से दिया जाता है। जमीन की उपयोगिता के आधार पर किराया 30 से 45 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष तक दिया जाता है। जिससे यहां के किसानों को भी लाभ हो रहा है और वह बढ चढ कर इस अभियान में हिस्सेदारी ले रहे हैं।