Lashkar financier killed: ईद की खुशियों के बीच कराची में एक सनसनीखेज वारदात हुई, जब लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने वाले Lashkar financier कारी अब्दुल रहमान को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। इस हमले में उसका पिता और दो अन्य लोग भी घायल हुए। हमलावरों ने इतनी तेजी से हमला किया कि किसी को भी प्रतिक्रिया देने का मौका नहीं मिला। मौके पर ही रहमान की मौत हो गई, जबकि उसके पिता की हालत नाजुक बताई जा रही है। इस घटना से कराची में हड़कंप मच गया है।
🚨 BIG BREAKING NEWS
Hafiz Saeed's relative & Lashkar-e-Taiba Financer, Qari Abdu Rehman SHOT DEAD by 'unknown gunmen' in Karachi, Pakistan 🔥
— 'Unknown gunmen' are ELIMINATING terrorists from the world 🎯 pic.twitter.com/TnuYvvNqrG
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 31, 2025
लश्कर के लिए जुटाता था फंड
Lashkar financier कारी अब्दुल रहमान का नाम कराची में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य फाइनेंसरों में गिना जाता था। वह अहल-ए-सुन्नत वाल जमात का स्थानीय नेता भी था और आतंकी संगठन के लिए पैसा इकट्ठा करने का काम करता था। उसके नेटवर्क के एजेंट शहर के विभिन्न हिस्सों से फंड इकट्ठा करके उसे सौंपते थे, जिसे वह सीधे हाफिज सईद तक पहुंचाता था। उसकी हत्या से यह साफ है कि पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के बीच भी मतभेद गहराते जा रहे हैं।
पाकिस्तान में बढ़ रही आतंकी हत्याएं
बीते कुछ सालों में पाकिस्तान आतंकी हमलों और रहस्यमयी हत्याओं का गढ़ बन चुका है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) लगातार पाकिस्तानी सेना और अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं, जबकि दूसरी ओर आतंकियों की टारगेट किलिंग भी तेज हो गई है। अब्दुल रहमान की हत्या को भी इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हमले के बाद भी हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिला है।
पहले भी मारे गए कई आतंकी
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में किसी बड़े आतंकी की हत्या हुई हो। हाल ही में पंजाब प्रांत के झेलम में लश्कर के शीर्ष कमांडर जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम को गोली मार दी गई थी। इससे पहले क्वेटा में जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम के मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई को भी अज्ञात हमलावरों ने निशाना बनाया था। लगातार हो रही इन हत्याओं ने पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।