राहुल शर्मा/वर्षा
यूपी पुलिस का बर्खास्त ConstableConstableहै बाबा सरकार उर्फ भोला
Lucknow(यूपी)। सचिवालय के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच आज यूपी पुलिस का एक बर्खास्त सिपाही पेशी के लिए आया। वो लग्जरी कार में था। गाड़ी पर बीजेपी का झंडा लगा था। विधायक की नेम प्लेट थी और साथ में बीजेपी के विधायक। हम बात कर रहे हैं हाथरस में 121 लोगों की मौत के मामले की जांच कर रही कमेटी के सामने पेश हुए स्वयंभू बाबा नारायण साकार की जो बड़े ही लग्जरी अंदाज में पहुंचा। बृहस्पतिवार को लखनऊ स्थित सचिवालय के न्यायिक आयोग के सामने बाबा पेश हुआ। दो घंटे तक आयोग ने बाबा से घटना की बाबत पूछताछ की।
इन विधायकजी की थी लग्जरी कार
पीलीभीत की पूरनपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक बाबूराम पासवान की सफेद रंग की लग्जरी एसयूवी कार में सवार होकर स्वयंभू बाबा नारायण साकार यूपी सचिवालय पहुंचे। पूछताछ खत्म होने के बाद बाबा बीजेपी विधायक की एसयूवी गाड़ी से वापस लौट गए।
बर्खास्त सिपाही से बने स्वयंभू का इतिहास
मूल रूप से कांशीराम नगर (पहले कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए था। 18 साल पुलिस की नौकरी करने के बाद VRS ले लिया और घर लौट आया। घर आने के बाद वह अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगे और कुछ दिन बाद ईश्वर से साक्षात्कार का दावा करते हुए खुद को स्वयंभू संत घोषित कर दिया।
यौन शोषण के आरोप में जेल जा चुका है बाबा
विश्व हरि साकार उर्फ भोले बाबा आज इतना चर्चित है कि उसके अनुयायियों की लंबी कतार है। हालाकि बाबा का विवादों से भी पुराना नाता है। इटावा में पोस्टिंग के दौरान इस पर यौन शोषण का आरोप लगा था। इसी मामले में बाबा को जेल भी जाना पड़ा था। बताया जाता है कि इस घटना के बाद ही बाबा को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
आज ये हुआ
पूछताछ में बाबा ने कई लोगों के नाम आयोग को बताए हैं। ये वो लोग बताए जा रहे हैं जिनके द्वारा पहले धमकियां दी जा चुकी हैं और इन्हीं लोगों पर भगदड़ में महिलाओं के ऊपर स्प्रे मारने का आरोप है। नारायण साकार हरि से लगभग 2 घंटे की पूछताछ में आयोग के सदस्यों ने कई अहम सवाल पूछे । सूत्रों का कहना है कि बाबा को आयोग दोबरा भी पूछताछ के लिए बुला सकता है।
ये हुई थी घटना
गौरतलब है कि इसी साल 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ साकार नारायण हरि का सत्संग हो रहा था। सत्संग की समाप्ति पर जब बाबा जाने लगा तो ठीक तभी भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 121 लोग मारे गए थे। जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ कुछ रोज पहले ही पुलिस कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है।
पुलिस ने निकाल दिया बाबा का नाम
इस घटना में दर्ज कराई गी रिपोर्ट में शुरूआत में बाबा का नाम भी शामिल था, मगर हाल ही में पुलिस की ओर से दायर की गई चार्शीट में सिर्फ उन 11 लोगों के नाम हैं जिन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। चार्जशीट में बाबा के नाम को जांच अधिकारी ने हटा दिया।
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