Noida News: किसानों की रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार शाम बदौली गांव में कैंडल मार्च निकाला गया। इसमें गांव के युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने भारी संख्या में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए सभी को जल्द रिहा करने की मांग की। उनका कहना है कि पुलिस ने बुजुर्ग किसानों को भी जेल में डाल दिया है और महिलाओं को घरों में घुसकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
कैंडल मार्च में उठी आवाजे
प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि 2 दिसंबर को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने बातचीत का आश्वासन दिया था लेकिन इसके बावजूद 3 दिसंबर को किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, अगले दिन रिहा कर दिया गया। इसके बाद 4 दिसंबर की रात पुलिस ने दोबारा किसानों को उनके घरों से उठाकर जेल में डाल दिया।
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ग्रामीणों का आरोप है कि बुजुर्ग किसान जिनकी उम्र 60 से 70 साल के बीच है उनको भी नहीं बख्शा गया। इनमें रतन (70), सुरजीत (70), प्रकाश (60) और अमरपाल शामिल हैं। अमरपाल के परिवार में शादी का कार्यक्रम था लेकिन पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। गांववालों का कहना है कि पुलिस लगातार घरों में आकर महिलाओं और परिवार के अन्य सदस्यों को परेशान कर रही है।
वकीलों ने किया समर्थन
किसानों के समर्थन में मंगलवार को जिला बार एसोसिएशन के वकीलों ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी ने प्रशासन की कार्रवाई को अवैध बताते हुए किसानों की रिहाई और उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की।
क्यों हो रहा प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रहे हैं। किसानों की मुख्य मांगों में 64.7% मुआवजा, 10% आबादी प्लॉट, सरकारी नौकरी और लीज बैंक प्रक्रिया पूरी करना शामिल है। इन मांगों को बार-बार टालने के कारण किसान प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि सभी किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और पुलिस की प्रताड़ना पर रोक लगाई जाए। साथ ही उनकी मांगों को गंभीरता से लेते हुए न्याय दिलाने की अपील की।
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