Ghaziabad News: गाजियाबाद में छठ पूजा का महापर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। छठ व्रत को लेकर पूरे देश में धूम है, वहीं गाजियाबाद में पूर्वांचल समाज से जुड़ी महिलाओं और पुरुषों ने व्रत रख भगवान सूर्य की आराधना की शुरुआत कर दी है। यह महापर्व सूर्य भगवान को समर्पित है, जिसमें 4 दिनों तक व्रतधारी उपवास, अराधना और घाटों पर जाकर सूर्य को अर्घ्य देकर आशीर्वाद मांगते हैं, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
छठ पर पर बनाई गई ट्रैफिक प्रबंधन योजना
छठ के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष ट्रैफिक प्रबंधन योजना बनाई है। रूट डायवर्जन की घोषणा कर दी गई है, जिससे घाटों के आसपास की सड़कों पर यातायात सुगम बना रहे। गाजियाबाद पुलिस ने छठ पर्व पर छठ घाटो पर आने वाले भक्तों से अपील की है कि वे निर्धारित मार्ग का पालन करें और भीड़ से बचने के लिए समय से पहले घाट पहुंचें।
गाजियाबाद पुलिस ने छठ घाट पर भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। इसके साथ ही डॉग स्क्वाड जगह-जगह निगरानी कर रहा है, साथ-साथ ड्रोन से भी छठ घाट पर निगरानी की जा रही है। लगभग 100 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाकर मॉनेटिंग की जा रही है कि छठ घाट पर किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो इसके साथ-साथ छठ घाट पर सफाई व्यवस्था का विशेष कर ध्यान रखा गया है।
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आज शाम को दिया जाएगा डूबते सूर्य को अर्घ्य
बता दें कि, आज शाम छठ महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी संध्या अर्घ्य देंगे। मान्यता है कि सूर्यदेव शाम के समय अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं, इसलिए संध्या अर्घ्य से विशेष लाभ प्राप्त होता है। छठ पूजा का यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है और भक्तगण इस समय में भगवान सूर्य से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं गाजियाबाद इंडियन नदी छठ घाट पर छठ मैया की पूजा करने के लिए आई व्रत धारी पूनम अन्य महिला ने बताया की छठ मैया की पूजा करने से उनको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है किसी भी प्रकार का किसी को कोई दुख हो तो छठ मैया की पूजा करने से वह दुख दूर हो जाता है छठ माता सूर्य भगवान की बहन भी है इसलिए डूबते हुए सूरज को अर्क दिया जाता है और फिर अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्क दिया जाता है।
छठ पूजा में डूबते और उगते सूर्य की क्यों होती है पूजा? यहां जानिए इसके पीछे का कारण