Nandkishore Gurjar: गाजियाबाद के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने संजीव बालियान मामले में यूपी के प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा है जिसमे विधायक ने अपनी नाराजगी भी जताई है। विधायक ने पत्र में लिखा है कि समाजवादी मानसिकता वाले अधिकारी यूपी में भाजपा को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने सुरक्षा वापस लेने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ऐसे अधिकारी पश्चिमी यूपी में गृहयुद्ध शुरू करना चाहते हैं। उन्हें पश्चिमी यूपी का इतिहास नहीं पता।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने शुक्रवार को प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद संजीव बालियान की सुरक्षा वापस लिए जाने पर नाराजगी जताई और पूरे प्रकरण को निंदनीय बताया। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पत्र में ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिन्होंने डॉ. संजीव बालियान की सुरक्षा वापस ले ली है। सिर्फ इसलिए क्योंकि वरिष्ठ भाजपा नेता ने भूमाफियाओं के साथ पुलिस की मिलीभगत का विरोध किया था।
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विधायक ने पत्र में क्या लिखा?
जारी पत्र में विधायक ने लिखा है कि मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान बड़े नेता हैं। उन्होंने भूमाफियाओं द्वारा मंदिर पर कब्जे का विरोध किया था। परिणामस्वरूप उनकी सुरक्षा हटा दी गई। यह निंदनीय और दुखद है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों में उनके बड़ी संख्या में समर्थक हैं। इस घटना ने किसानों और उनके समर्थकों के अंदर ज्वालामुखी सुलगने का काम किया है।
यह क्षेत्र मुजफ्फरनगर वो भूमि है जहां दुनिया के सबसे क्रूर राक्षस तैमूर लंगको यहां के किसान और मजदूरों ने 36 बिरादरी ने सोरम गांव के महापंचायत कर योगराज गुर्जर को अपना नेता चुनकर हरवीर गुलिया, धोला वाल्मीकि व महिला विंग की सेनापति राम प्यारी गुर्जर को चुनकर तैमूर लंग को दुनिया में प्रकृति के कोप के रूप में जाना जाता है जिसे कोई नहीं रोक पाए उसे यहां की सरखा खाप पंचायत की सेना ने खदेड़ा बल्कि मौत के घाट उतारा।
‘लोनी के ईदगाह मैदान में 1.5 लाख मारे गए’
साल 1398 में दिल्ली और लोनी को तैमूर ने लूटपाट और कत्लेआम से लाल कर दिया था। जब वो सनातन को नष्ट करने के लिए गंगा में गायों को काटने के लियर हरिद्वार की तरफ बढ़ा तो लोनी के राजा संग्राम सिंह गुर्जर एवं सेनापति आला सिंह (जाटव) ले साथ भीषण युध्द हुआ, जिसमें भारी क्षति हुई और लोनी के ईदगाह मैदान में 1.5 लाख मारे गए। इसके बाद सोरम में पंचायत हुई वेस्ट यूपी की सभी जाति की महिलाओं ने भारी युद्ध में काटा गया । हरबीर गुलिया और गुर्जरी के भाले से घायल कर वीरगति को प्राप्त हुए गुलिया। फिर गुर्जरी ने जहर भाला मारा जिससे वो भागा और रास्ते में उनकी मौत हो गई। यहां की 36 बिरादरी यहां की खाप पंचायत सुप्रीम कोर्ट के फैसले माने जाते है।
अतः आक्रोश है, जिस आक्रोश को पूर्व तैमूर लंग जैसे आक्रांता नहीं रोक पाए तो लोकतंत्र में चुनी हुई पुलिस के लिए रोकना मुश्किल होगा। पूरी स्थिति से अवगत हो, ऐसे पुलिस अधिकारी जिसने सुरक्षा हटाने का निर्णय किया है जिससे भाजपा समाप्त हो, वेस्ट यूपी में, उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करें जिससे लोगों के आक्रोश को शांत कर भाजपा के प्रति अटूट आस्था इनकी बनी रहे। उनके चाहने वाले कि आस्था बनी रहे।
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